●गुरुबख्शगंज प्रथम व गम्भीपुर आँगनबाड़ी केन्द्रों पर सत्रह महीने से नहीं बाटा गया सूखा राशन
●सदर के पूर्ति निरीक्षक ने की है जाँच, जाँच पर उठ रहे गंभीर सवाल, कोटेदार को बचाने का आरोप
●आँगनबाड़ी कार्यकर्त्री ने प्रस्तुत किये जरूरी साक्ष्य, कोटेदार की भूमिका पर उठने लगे सवाल
रायबरेली-सताँव-रायबरेली जनपद के सदर तहसील के पूर्ति निरीक्षक और विकास खंड सताँव की बाल विकास परियोजना अधिकारी व सुपरवाइजर की घोर लापरवाही और मनमानी का परिणाम है कि ओनई पहाड़पुर ग्राम पंचायत के गंभीपुर व गुरुबख्शगंज प्रथम आँगनबाड़ी केन्द्रों पर बीते सत्रह महीने से सूखे राशन का वितरण नही हुआ। कोटेदार ने न तो राशन बाँटा और न ही किसी वरिष्ठ विभागीय अधिकारी को कोई जानकारी दी। आँगनबाड़ी कार्यकर्त्री बार-बार लगातार अपने विभाग को पत्र लिख-लिख कर राशन वितरण न होने की सूचनायें देती रही और वे अपने पास रखती रहीं, लेकिन उन्होने राशन वितरण कराने की कोशिश कभी नहीं की। ग्राम पंचायत के एक युवक ने इस नौनिहालों के खाद्यान्न वितरण के संबंध में लिखित शिकायत करना शुरू किया तो खाद्य आपूर्ति विभाग एवं बाल विकास पुष्टाहार विभाग के उच्च अधिकारियों के हाथ पैर फूलने लगे और मौके की नजाकत को समझ कर अविलंब जांच कराने का निर्णय लिया। प्रकाश मे आये अनियमितता के इस बड़े मामले की जाँच, सदर के क्षेत्रीय पूर्ति निरीक्षक ने की है। डीएसओ ने कहा कि आँगनबाड़ी केन्द्रों का राशन वितरित न होना बड़ी लापरवाही है। जिसने भी गलती की है, वह दण्डित होगा, लेकिन जिस तरह से पूर्ति निरीक्षक कोटेदार को क्लीन चिट दे रहे हैं, उससे उनकी जाँच पर भी गंभीर सवाल उठ रहे हैं। चूँकि मामला बाल विकास से जुड़ा है, इसलिए जिला कार्यक्रम अधिकारी ने भी पूरे प्रकरण की गहन जाँच कराने की बात कही है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जनपद के सताँव ब्लाॅक की ओनई पहाड़पुर ग्राम पंचायत क्षेत्र में कुल पाँच आँगनबाड़ी केन्द्र हैं। इन सभी केन्द्रों पर ओनई पहाड़पुर के कोटेदार दिनेश प्रताप सिंह सूखा राशन वितरित करते हैं। डीएसओ से की गई एक शिकायत के मुताबिक ओनई पहाड़पुर पंचायत के गंभीपुर व गुरुबख्शगंज आँगनबाड़ी केन्द्रों पर जून 2021 से नवम्बर 2022 तक लगातार सत्रह महीने से कोटेदार ने सूखा राशन नही वितरित किया। डीएसओ ने इस शिकायत की जाँच सदर के पूर्ति निरीक्षक से कराई। जाँच के दौरान यह प्रमाणित हुआ कि सत्रह माह से राशन वितरण न होने की शिकायत सही है। जाँच के दौरान यह भी पता चला कि कुछ महीने का राशन कोटेदार ने महिला स्वयं सहायता समूह की महिला सदस्य/अध्यक्ष सुषमा देवी को प्राप्त करा दिया है। परंतु इसी बीच शासनादेश के अनुसार राशन सार्वजनिक प्राणली की दुकान पर वितरण का आदेश आ गया जिस कारण महिला स्वयं सहायता समूह की सदस्य द्वारा राशन कोटेदार को वापस प्राप्त करा दिया। जबकि राशन वितरित न होने की जानकारी कोटेदार ने, न तो बाल विकास विभाग को दी और न ही खाद्य आपूर्ति विभाग को कुछ बताया। आखिर संबंधित कोटेदार की मानसिकता क्या रही होगी यह आप समझ सकते हैं। डीएसओ ने इसे कोटेदार की बड़ी लापरवाही माना है। जाँच के दौरान आँगनबाड़ी कार्यकर्त्री सुमन देबी ने वह शिकायती पत्र दिखाये जो उसने ड्राई राशन वितरित न होने पर अपने विभाग को बार बार लिखती रही। और जांच में पूर्ण सहयोग करती रही।
बाल विकास परियोजना सताँव की प्रभारी परियोजना अधिकारी/इंचार्ज और क्षेत्रीय मुख्य सेविका चन्द्रकान्ती ने बताया कि हमने अपने आंगन बाड़ी कार्यकत्री को राशन वितरित कराने के निर्देश दिया है। और मै स्वयं आँगनबाड़ी कार्यकर्त्री,सहायिका एवं महिला स्वयं सहायता समूह की सदस्य/अध्यक्ष आदि को लेकर जब राशन वितरण के लिए कोटेदार की दुकान पर पहुंची तो कोटेदार द्वारा दुकान बंद कर चला गया। काफी खोजबीन करने के बाद हम लोग वापस अपने आंगन बाड़ी केंद्र पर आ गए, संपूर्ण घटना की जानकारी अपने उच्चाधिकारियों को भेज देंगे, इससे अब स्पष्ट होता है कि कहीं ना कहीं इस पूरे प्रकरण में संबंधित कोटेदार दिनेश प्रताप सिंह की भूमिका कुछ संदिग्ध नजर आ रही है?
इन्सेट
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कोटेदार दूकान बन्द करके हुआ लापता
विगत 17 महीने से जब नौनिहालों का राशन वितरण नहीं हुआ तो बाल विकास परियोजना सताँव के प्रभारी इंचार्ज एवं क्षेत्रीय मुख्य सेविका चंद्रकांति अपने अधीनस्थ आंगनबाड़ी कार्यकर्ती सुमन देवी व सहायिका रामकली एवं महिला स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष/सदस्य श्रीमती सुषमा देवी को साथ लेकर सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकान पर पहुंची,जबकि सुबह से ही दिनेश प्रताप सिंह कोटेदार को दूरभाष के जरिए संपर्क करके राशन वितरण के लिए सूचना दे रही थे परंतु आज शुक्रवार को बाल विकास परियोजना की क्षेत्रीय सुपरवाइजर ने आँगनबाड़ी कार्यकर्त्री पर दबाव बनाकर राशन वितरण कराने की कोशिश की, लेकिन ओनई कोटेदार दिनेश सिंह दुकान मे ताला डालकर कहीं लापता हो गया। सुपरवाइजर ने काफी देर तक कोटेदार की खोज बीन की लेकिन जब वह नही मिला तो वे वापस लौट गईं। राशन वितरण मे कोटेदार का सहयोग न मिलना यह प्रमाणित करता है कि उसकी नीयत मे कहीं न कहीं खो जरूर नजर आ रहा है।
रिपब्लिक भारत न्यूज 24
जिला संवाददाता धर्मेन्द्र सोनी
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