*रक्षक कब तक बने रहेंगे भक्षक, आखिर क्या योगी राज में मिलेगा पीड़ितों का न्याय*
*या फिर पुलिस विभाग खाकी वर्दी को दागदार होने से इसी तरह बचाते रहेंगे*
रायबरेली-महराजगंज-जब अपने अधिकारों से अलग हटकर वाद को बढ़ावा मिलने लगे तो समझ लेना चाहिए कि समाज में कानून का राज खत्म हो चुका है जबकि यह हम नहीं कह रहे हैं लोग कह रहे हैं- उक्त पंक्तियां रायबरेली जनपद के महराजगंज क्षेत्राधिकारी पर पूरी तरह से सटीक बैठ रही हैं। काश जाने अनजाने में किसी व्यक्ति से छोटी सी भी गलती हो जाए तो यही खाकी वर्दी उस व्यक्ति के खिलाफ इतनी लंबी चौड़ी फेहरिस्त तैयार करके उसके खिलाफ चार्जशीट न्यायालय भेज देती है, और उसे कई वर्षों तक न्याय के मंदिर में हनुमान परिक्रमा करनी पड़ती है। जबकि देखा जाए तो क्षेत्र में सैकड़ों मामलों मे महीनों ही नहीं वर्ष से जांच लम्बित है और रहती है, फिर भी उनपर कोई कार्रवाई नहीं होती, क्योकि ऐसे अधिकारियों के लिए आम जनमानस किसी कीड़े मकोड़े से कम नहीं नजर आते है,भुक्तभोगी न्याय की आस में आये दिन गरीब परिवार जिम्मेदार साहबों के निवास एवं कार्ययल में हनुमान परिक्रमा करते आसानी से देखे जा सकते हैं। परन्तु जब बात खाकी की आयी तो साहब ने बेहिचक अपने मातहतों को बचाने के लिए उद्देश्य से एक ही दिन में पूरे मामले की जांच कर पूरा का पूरा मामला ही निपटा दिया और अपने मातहत को क्लीनचिट दे दी। जबकि खाकी वर्दी पर हमेशा से उंगलियां उठती चली आ रही हैं और उंगली उठने लाजमी भी है क्योंकि जब व्यक्ति हैरान एवं परेशान होता है तभी खाकी वर्दी की शरण में जाता है परंतु वहां सिस्टम के आगे सब बौना ही नजर आता है,आखिर पीड़ित व्यक्ति जाए तो कहां जाए बहुत बड़ा सवाल?
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रायबरेली जनपद के महाराजगंज कोतवाली में तैनात दरोगा राम नरायन सरोज वैसे भी अपनी पुलिसिया रौब के लिए जाने जाते हैं और बीते सोमवार को शिकायतकर्ता सौरभ को थाने में जमकर लात घूंसो से पीटा गया, जिससे उसकी हालत गम्भीर हो गयी, खाकी वर्दी की शान में गुस्ताखी ना हो आनन-फानन में उसे निजी अस्पताल में भर्ती करा दिया गया, जहां पर कोई मीडिया कर्मी एवं आम व्यक्ति उससे ना मिल सके। परंतु बड़ी घटना कहां छुपाए छुपती है और चंद मिनटों में यह घटना सोशल मीडिया पर जैसे ही वायरल हुई तो तत्काल जिले के जिम्मेदार अधिकारी ने मामले को संज्ञान में लेकर जांच भी स्थानीय क्षेत्र अधिकारी को सौंप दी जहां से मामले को निपटाया जा सके।पिटाई का मामला सुर्खियों में आते ही मामले की जांच क्षेत्राधिकारी अरूण कुमार नौहवार को मिली जिसमें अपने मातहत को बचाने के लिए सीओ साहब ने आनन फानन में महावीर जयंती के दिन बिना समय दवाएं एक ही दिन में पीड़ित को बुलाकर सारा मामला निपटा दिया और दरोगा को क्लीनचिट दे दी। जबकि क्षेत्र के दर्जनों मामले विवेचना की बांट जोह रहे हैं। जिसमें दर्जनों मामले जमीन की धोखाधड़ी, एससीएसटी, पास्को, सहित क्षेत्र में हुई दर्जनों चोरियां खुलासे का इन्तजार कर रही हैं। यदि सीओ साहेब इतनी ही तेजी लोगो को न्याय दिलाने में दिखा दें तो सरकार का पुलिस मित्र का सपना और पुलिस पर लोगो का विश्वास दोनो ही कायम हो सकता है।
👉खाकी वर्दी की किरकिरी होते देख क्षेत्राधिकारी ने दिखाने के लिए लिया बड़ा एक्शन,मामले को किया साफा दफा
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विगत दिनों जनपद के महराजगंज तहसील स्थित कार्यालय के सामने खड़ी अधिवक्ताओं एवं वादकारियों के वाहनों के कारण जब सीओ साहेब को तहसील गेट से कार्यालय तक पैदल आना पड़ा तो आराम तलब साहेब ने कोतवाली पुलिस बुलाकर वाहनों का चालान करा दिया, लेकिन जब बात आमजन की समस्या की आती है तो साहेब दूर-दूर तक कहीं नजर नही आते। कस्बे में आये दिन जाम की समस्या, अवैध टैम्पों स्टैण्ड और अवैध वसूली, अवैध खनन, अवैध कटान जैसे गम्भीर मामलो से साहेब का दूर-दूर तलक कोई सरोकार नही है। और इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि साहेब कितने एक्टिव मोड़ पर नजर आ रहे हैं, और साहेब की जांच पर उठने लगी उंगलियां, अब देखना है कि जिले के जिम्मेदार अधिकारी ऐसी जांच पर विश्वास कर संबंधित दरोगा पर क्या कार्रवाई करते हैं या फिर मामले को अन्य फाइलों की तरह किनारे रखकर मामले में इतिश्री कर देते हैं यह तो आने वाला समय ही बताएगा, परंतु बात जुबान से निकली है तो दूर तलक तो अवश्य ही जाएगी?
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*🖥️रायबरेली से जिला संवाददाता धर्मेंद्र सोनी की विशेष रिपोर्ट-मो0न0-9451076301,9140297495*
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