पुत्र से बढ़कर प्रजा पर स्नेह रखने वाला ही राजा बनने योग्य । पं0धर्मराज तिवारी
खुटहन ( जौनपुर)11 जनवरी
यूनिक आईडिया एजूकेशन पब्लिक स्कूल मरहट के प्रांगण में आयोजित आठ दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा के पांचवें दिन गुरुवार को श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कथा वाचक पंडित धर्मराज तिवारी जी महराज ने कहा कि पुत्र से बढ़कर प्रजा पर स्नेह रखने वाला ही वास्तविक राजा होता है। उन्होंने चक्रवर्ती महाराज दशरथ और भगवान श्रीराम की लीलाओं का चित्रण कर अपनी कथनी को प्रमाणित भी कर दिया।
श्री महराज ने कहा कि अयोध्या के राजा दशरथ ने धर्म की रक्षा और ऋषियों मुनियों की सुरक्षा के लिए मुनि विश्वामित्र को अपने दो पुत्र दे दिए थे। भले ही वह पुत्र वियोग के महान कष्ट को झेले। लेकिन राजा के परम कर्त्तव्यों से विमुख नहीं हुए। उन्हीं के पुत्र रूप में अवतरित भगवान श्रीराम अपने आदर्शों, परंपराओं और राजा के कर्तव्यों का पालन कर मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाए। उनकी लीला हमें त्याग बलिदान और समर्पण को प्रेरित करती है। इस मौके पर सुभाष उपाध्याय, सुधाकर सिंह, दिनेश सिंह,सुमन,संतोष सिंह , रामाश्रय उपाध्याय, जिला जीत यादव,सुरेंद्र, प्रदीप सिंह, किन्नू सिंह,लकी सिंह ,नर्वदेश्वर दूबे,गीता उपाध्याय ,रमापति मिश्रा,कमला सिंह, मनोज सिंह,अमरनाथ पाण्डेय आदि मौजूद रहे।
ब्यूरो Rभारत न्यूज 24 जौनपुर
दिलीप कुमार यादव