शादी कीं पहली रात ही मेरी ननंद नें मेरे पति के बारे ऐसी बात बताई जिसे सुनकर मेरे रोंगटे खड़े हो गये.
हम लोग उनके मुकाबले कुछ भी नहीं है. पिताजी के पुराने परिचित होने के वजह से मेरी शादी उस घर में हो गई. विदा होकर घर में जाते ही मुझे पता चला कीं वो लोग कितने बड़े है. घर बहुत बड़ा था. पहली बार था जब उनका घर मैंने देखा था. सबकुछ बहुत अच्छा था.रात को मेरी ननंद मुझे अकेले में लें गई. मेरे समझ नहीं आया मुझे लगा कुछ बात करना होंगी.
उनका चहेरा उतरा हुआ था, जैसे की कोई बात वो मुझसे करना चाहती हो. मैंने उन्हें पूछा क्या हुआ आप डरी हुई सी क्यों हो?
मेरी नंद बोली भाभी मैं आपको कुछ बताना चाहती हूं . लेकिन तुम यह सुनकर आप हिम्मत रखना. इस बात को हमारे बीच में ही रखना. यह बड़ा घर है यहाँ बात फ़ैलते ज्यादा समय नहीं लगता और वो बात सबके सामने आ गई तो हमारे घर कीं इज़्ज़त मिट्टी में मिल जायेगी.
अब आप इस घर की बहू हो और आपको इस घर का मान रखना होगा. उनकी बाते सुनकर में सच में थोड़ा डर गई. मुझे समझ नहीं आए रहा था की वो क्या बोलना चाह रही है.
मैंने कहां आप बताये मुझे क्या बात है? मेरी नंद बोली की भाभी मेरा भाई आपको कोई सुख नहीं दे सकता.उसमें कुछ शारीरिक कमियां है जो कि मुझे पता है .आपसे यह बात छुपा कर शादी की गई है.
मेरा भाई रात में अक्सर बाथरूम में ही रहता है. पता नहीं वहाँ क्या करता जब भी उसे पूछो तो यही कहता है कीं उसका पेट ख़राब है.
कमरे में जानें के पहले अपने पति के लिये यह बाते सुनकर मुझे समझ नहीं आ रहा था कीं में क्या करू.
मेरी ननंद ने कहा कि आप उनसे कोई बात मत करना, थोड़ा समय उसके साथ बिताओ. फिर उनसे खुल कर बात करो. अगर हमसे कुछ हो सकता है तो हम जरूर करेंगे. हम तुम्हारे साथ है
आपको अकेला नहीं छोडेंगे.
सुहागरात वाली रात यह सब सुनकर मैं अपने कमरे में जा रही थी. मुझे अब डर लगने लगा था.
यही सब सोच रही थी, की मेरे पति कमरे में आये. कमरे का दरवाजा बंद किया. और दरवाजे से ही पेट पर हाथ लगाते हुऐ आये बिस्तर पर मेरी तरफ पीठ करके बैठ गए, और बोले कीं उनका पेट ख़राब. कुछ ही सेकंड में वो उठकर बाथरूम में चले गये. बिलकुल वैसा ही हुआ जैसा कीं मेरी नंद नें मुझसे कहा था.
पेट ख़राब हो तो थोड़ी देर बाद वो बाथरूम से बाहर आ जाते लेकिन वो करीब 1 घंटे तक बाथरूम में ही रहें. मैं बाहर चुपचाप अपने बिस्तर पर बैठी रही.
उन्हें मैंने आवाज भी नहीं दी. बस यही सब सोचते सोचते मैं बिस्तर पर लेट गई. करीब 2 घंटे बाद वो बाथरूम से निकले.
मेरा अब उनसे बात करने का मन ही नहीं था. मुझे लगा की मेरे साथ धोखा किया गया. वो भी अपने बिस्तर कीं साइड पर जाकर सो गये.
सुबह तक मैं अपने आप को खुश किस्मत मान रही थी और रात होते होते अपनी किस्मत को कोसने लगी. सुबह में जल्दी उठी और बाथरूम में गई.
बाथरूम में जैसे ही गई मेरे होश उड़ गये क्यों कीं बाथरूम में एक नयी नाइटी थी. साथ ही मेकअप का समान. यह सब क्या था मुझे समझ नहीं आ रहा था.
एक ऐसे इंसान से मेरी शादी क्यों करवा दी. सुबह मेरी ननंद नें मुझसे पूछा क्या हुआ रात में. मैंने कहा वही जो आपने बताया था .यह कहकर मैं रोने लगी.
मेरी ननंद ने कहां मैं माँ से कह रही थी ऐसे किसी लड़की की ज़िन्दगी ख़राब मत करो, लेकिन किसी नें मेरी बात नहीं मानी. अब आप क्या ऐसे ही घुट घुट कर यहाँ रहेगी?
मेरी ननंद बोली की आप जो भी फैसला लेंगी मैं आपके साथ हूं लेकिन आपको यह वचन देना होगा की यह राज बाहर नहीं निकलेगा.
अगली रात फिर वो कमरे में आये. मुझे अब उनकी तरफ देखने का भी मन नहीं हो रहा था. मैं चुपचाप अपनी साइड पर सो गई,क्योंकी अब बात करने को रखा क्या था.
उन्होंने भी अभी तक कुछ बात नहीं की,उसकी वजह भी मैं जानती थी. थोड़ी देर वो बिस्तर पर बैठे रहें और फिर उठकर वो बाथरूम में चले गये. मैं समझ गई थी कीं वो क्या करने गये है. थोड़ी देर बाद बाथरूम से चीज़े गिरने की आवाज आने लगी, कुछ टूटने की. थोड़ी देर बाद आवाज रुकी और इस बार वो जल्दी ही बाथरूम से बाहर आ गये. आकर बिस्तर पर सो गये.
हमारे बीच कोई बात नहीं हो रही थी. मैं सोच रही थी की मैं क्या करूं?
यही सब सोचते सोचते नींद आ गई. सुबह जल्दी उठी और फिर में बाथरूम में गई. लेकिन इस बार बाथरूम में जब गई तो सब कुछ बिखरा हुआ था. नयी नाइटी को फाड़ दिया था, मेकअप का समान बिखरा हुआ था. बाथरूम में कचरे में एक कागज भी था, जिस पर लिखा था टू माय बूटीफुल वाइफ.
मेरे मन में अब शक आया की यह समान और कपडे कहीं मेरे लिये तो इन्होने नहीं रखें. लेकिन फिर मैंने सोचा की मेरी ननंद मुझसे झूठ क्यों बोलेगी. अभी मैंने उनसे कुछ बात नहीं की.
सुबह मेरी ननंद फिर मुझसे सहानुभूति जता रही थी मुझे उनकी बातो से लगा की वो चाहती है की मैं इस घर को छोड़ कर इस घर से चली जाऊं. मुझे अब मेरी ननद पर शक हुआ.
मैंने घर की पुरानी नौकरानी से बात की. मैंने बातों बातों उससे पूछा की मेरे पति कैसे इंसान है? वो बोली की वो तो बहुत सीधे है. उनकी माँ और बहन तो चाहती थी की उनकी शादी उनकी बहन के पति के रिश्तेदार से हो. बहन और माँ ने तो बहुत कोशिश कीं लेकिन उनके पिताजी नहीं माने और उनके दोस्त की बेटी यानि आपसे शादी करवा दी. वो दोनों तो आपकी शादी के खिलाफ थे. कई दिनों तक घर में विवाद भी होता था.
अब मुझे अब पता चल गया था की मेरी ननंद मुझे क्यों भगाना चाहती थी. इसलिये उन्होंने मुझसे झूठ कहा था. उन्होंने शायद मेरे पति यानी कि अपने भाई से भी मेरे बारे में कुछ कहा होगा.
रात को मैं अपने पति से बात करने का इंतजार कर रही थी. वो कमरे में आये. तो उनका मुँह तो उतरा हुआ था.
यह पहली बार था जब मैं उनसे बात करने वाली थी. उनके आते ही मैंने कहा, आप मुझसे कुछ बात करना चाहते है?
वो बोले अब बात करने को रखा क्या है? पापा का विश्वास था की वो घर अच्छा है. इसलिये मैंने माँ और बहन की ना सुनकर तुमसे शादी की और तुमने सच छिपाया.
मैंने बोला सच, कौन सा सच?
यह सच की तुम मुझसे शादी नहीं करना चाहती थी. तुम्हारी ज़िन्दगी में अभी भी कोई और है.
यह बात तुमने ही तो मेरी बहन को बताई थी. घर की इज़्ज़त और पापा के कारण मैं चुप हूं. कुछ कदम नहीं उठा रहा. मैंने भी देख लिया कि तुम्हारे लिए मैं कितना मायने रखता हूं.
सुहागरात ज़िन्दगी में बहुत स्पेशल होती है. लेकिन मेंरे बाथरूम में 2 घंटे रहने पर भी तुम्हे फर्क नहीं पड़ा. बहन नें सही कहा था, की तुम आवाज़ भी नहीं दोगी, बात भी नहीं करोगी.
मैंने पूछा आपसे बाथरूम में रुकने को उन्होंने कहा था? उन्होंने बोला, हां उसने ही कहा था कि तुम्हारी सच्चाई देखनी है तो मुझे यह करना ही पड़ेगा?
और वो कपडे और मेकअप?
वो मेरी बहन नें रखा था, कहा था पहली रात का गिफ्ट है, तुम्हारे लिये .
मैं उठकर उनके पास गई और उनसे कहा आपको पता है उन्होंने मुझे क्या कहा?
फिर मैंने उन्हें सारी बात समझाई. हम दोनों को यह बात समझ में आ चुकी थी कि वह चाहती थी, हम दोनों में गलतफहमी हो और हम अलग हो जाये. ताकि वो जो चाहती है वो पूरा हो जाये.
सारी सच्चाई जानकर मेरे पति को बहुत गुस्सा आया, लेकिन मैंने कहा नहीं, अब हम इस बात को यही ख़तम करेंगे और किसी को कुछ नहीं कहेँगे.
उस रात मेरी सारी परेशानी और ग़लतफहमी दूर हो गई. वो थी मेरी सही मायने में सुहागरात.
अगली सुबह मेरी ननंद नें मुझसे पूछा की मेरा क्या फैसला है? मैं क्या करने वाली हूं?
मैंने कहा की मैं इस घर की बहू बनकर सारी जिंदगी इस घर में रहना चाहती हूं, जिसे सुनकर मेरी ननंद हैरान हो गई.
मेरे चेहरे पर मुस्कान देखकर उनका चेहरा उतर गया और उन्हें समझ में आ गया कि हम दोनों को सारी सच्चाई पता चल चुकी है और हमारे बीच की सारी गलतफहमियां दूर हो गई है. ननंद उसी दिन अपने घर चली गई.