किशोरावस्था जीवन का वह महत्वपूर्ण चरण है, जब व्यक्तित्व का विकास और भविष्य की दिशा तय होती है । इस समय, निर्देश न मिले तो यह दौर भ्रम और असमंजस से भरा हो सकता है। इसलिए, जयपुर को सही दिशा में निर्देश- विश्वविद्यालय में नामांकन की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। शिक्षक के पास केवल ज्ञान के स्रोत नहीं होते हैं, बल्कि वे छात्रों के सपने और लक्ष्य को भी आकार में सहायक बना देते हैं। पूज्य गुरुदेव श्री नीरज कुमार जी का इस दिशा में योगदान अतुलनीय है।
शिक्षक की भूमिका
उफ़ के जीवन में शिक्षक केवल एक पृथक व्यक्ति नहीं होता, बल्कि वह एक संरक्षक, मित्र और मार्गदर्शक भी होता है। जब किशोर अपने जीवन के लक्ष्य निर्धारित करने की प्रक्रिया में होते हैं, तब वे अक्सर सही दिशा की तलाश में होते हैं। इस समय, शिक्षक अपनी क्षमताओं और रुचियों को समझकर उन्हें सही मार्ग पर ले जाने का काम करते हैं। पूज्य गुरुदेव श्री नीरज कुमार जी के यही दर्शन हैं। उन्हें लगता है कि उनके हर दोस्त में कुछ खामियां हैं, बस उन्हें पढ़ना और निखारना जरूरी है।
लक्ष्य निर्धारण में मदद
श्री जीसुखराम यादव इंटर कॉलेज, सौंधन के निदेशक श्री नीरज जी कुमार ने यह सुनिश्चित किया कि प्रत्येक छात्र अपने जीवन के लक्ष्य को स्पष्ट रूप से स्वीकार करें और उसे प्राप्त करने के लिए आवश्यक कदम उठाएं। छात्रों को उनके व्यक्तिगत और शैक्षणिक लक्ष्य निर्धारित करने में मदद की जाती है।
श्री नीरज जी का मानना है कि शिक्षा केवल पुस्तक ज्ञान तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि विद्यार्थियों के समग्र विकास पर ध्यान देना चाहिए। इस बात पर उनका ध्यान केंद्रित है कि उनके अंदर का आत्म-विश्वास विकसित हुआ और उनके साहसिक कदमों की यात्रा का सपना साकार हो सका।
प्रेरणा के स्रोत
श्री नीरज कुमार जी जैसे शिक्षक स्वयं प्रेरणा का स्रोत होते हैं। उनके जीवन के संघर्ष और सफलता की कहानियाँ छात्रों को केवल प्रेरणा नहीं देतीं, बल्कि उन्हें कड़ी मेहनत, निर्देश और कर्तव्यनिष्ठा भी सिखाती हैं, जिससे कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। उनके सान्निध्य में छात्रों को न केवल शैक्षणिक क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त हुई है, बल्कि नैतिक और सामाजिक संतुलन का भी विकास हुआ है।
विद्यार्थियों के लिए संदेश
श्री नीरज जी के अनुसार, अपने जीवन में एक स्पष्ट लक्ष्य तय करना चाहिए। इसका लक्ष्य अपने कार्य को पूरा करना है और प्रत्येक सलाहकार के जीवन को एक मार्गदर्शक के रूप में सफल बनाना है। उन्होंने हमेशा सिखाया था कि असफलता का केवल एक हिस्सा सीखना है, और सफलता की राह पर असफलता से डरने के बजाय, उसे आगे बढ़ाना चाहिए।
निष्कर्ष:- श्री नीरज कुमार जी शिक्षक के जीवन में एक महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। वे केवल अपने शिष्यों के जीवन में सहायक नहीं होते, बल्कि जीवन के बड़े लक्ष्य निर्धारित करते हैं और उन्हें प्राप्त करने की दिशा में भी उनकी दिशा-निर्देश प्रदान करते हैं। श्री जीसुखराम यादव इंटर कॉलेज, सौंधन के छात्र निश्चित रूप से सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें श्री नीरज जी जैसे प्रेरणादायक द्रोपदी का नेतृत्व और मार्गदर्शन प्राप्त हो रहा है।
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