*मानवता की सेवा में मिसाल बन कर रहे हैं :- युवा कांग्रेस के गौरव जैन।* झाँसी। जब किसी बीमारी का कहर पूरे चरम पर आता है , तो जाने कितने सांसे उसके बेदर्द प्रहार से टूट जाती हैं और टूटी सांसों के साथी तड़पते हैं । उन्हें असहाय स्थिति में ऐसे खड़ा देख क्या हमें आपको मानवता , दरिया दिली और इंसानियत का फर्ज निभाने के लिए आगे नहीं आना चाहिए?
यह सवाल कोरोना काल ने हम आपके सामने एक बार फिर खड़ा कर दिया है । इस महामारी में जहां रिश्ते तार तार हो गए हैं । मानवता दिलों से खत्म हो रही है और लोग एक दूसरे की मदद करने के बजाए खुद को असहाय हालात में पाने लगे हैं ।
ऐसी स्थिति में वही लोग जिंदा दिल और मजबूत माने जाते हैं , जो विपरीत हालातों में भी ईश्वर के द्वारा प्रदत इस काया को मानव सेवा के लिए समर्पित करते हैं ।
उनके प्रयास निसंदेह छोटे या बड़े हो सकते हैं , लेकिन इन प्रयासों में असहाय, गरीब , लाचार और बेबस लोगों को वह मदद मिलती है, जिसे भगवान हम आप के जरिए करवाने चाहते हैं।
मानवता की सेवा में मिसाल बन कर रहे हैं युवा कांग्रेस के गौरव जैन। अपने पिता पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य की प्रेरणा से समाज के हर वर्ग को दुख तकलीफ में मदद करने के लिए हमेशा तत्पर रहने वाले इस युवा गौरव ने महामारी के काल में लोगों की सेवा के लिए ऐसा रास्ता निकाला है जिससे कई लोगों को बहुत राहत पहुंच रही है।
वह अपनी टीम के साथ बीमार लोगों और उनके परिजनों को समय पर भोजन उपलब्ध कराने के लिए रात दिन जुटे हुए है । घर पर भोजन तैयार होता है । पैकेट बनते हैं । फिर उन्हें अस्पताल या नर्सिंग होम में वितरण के लिए ले जाया जाता है।
गौरव का या छोटा सा प्रयास आज की इस महामारी के दौर में इतना विशाल है, जिसे करने की कल्पना बड़े-बड़े लोग नहीं कर पा रहे हैं।
तभी तो किसी ने सही कहा है कि विपरीत परिस्थितियों में जो मदद के लिए आगे आता है निश्चय ही ईश्वर की कृपा उसी पर ही मेहरबान होती है