जिले के जिम्मेदार अधिकारी क्या इसी प्रकार बनाते रहेंगे बहाने इस महामारी में कोई प्रशासनिक अधिकारी मुंह खोलने को नहीं था तैयार
क्या इसी प्रकार मृत शरीर को इधर उधर देखते हुए आस-पड़ोस के लोगों को इससे भी अधिक महामारी का करना पड़ेगा सामना
कानपुर उन्नाव के बाद रायबरेली में सरेनी थाना क्षेत्र के अंतर्गत गंगाशो गंगा घाट का यह आलम है की सैकड़ों की संख्या में लाशों का अंबार देखने को मिल रहा है गंगा घाट की स्थिति यह है दो दो फुट के नीचे लाशों को दफना दिया गया जिससे कोरोना जैसी महामारी में आसपास के इलाकों में दहशत का माहौल है वहां के लोग डरे और सहमे हुए हैं उनको अपनों को खो जाने का डर तो है ही परन्तु अपने आंखों के सामने ही उन मृत शरीर को कुत्ते आदि जिस प्रकार नोच नोच कर इधर उधर कर रहे हैं जिससे अब और जान का खतरा सताने लगा है जब हमारे संवाददाता धर्मेंद्र सोनी वहां पहुंचे तो इस स्थिति को देखकर वह खुद भावुक हो गए और उन्होंने जब शासन और प्रशासन से बात की लेकिन अधिकारी मानने को तैयार नहीं हुए जब जिले के कई पत्रकारों की टीमें रियल्टी चेक करने पहुंची तब भी प्रशासन को भरोसा पत्रकारों की बात का नहीं हुआ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बड़े-बड़े दावे इस कोरोना जैसी महामारी में फेल होते हुए साबित हो रहे हैं कहीं ना कहीं रायबरेली के अधिकारी सिर्फ कागजों पर ही लेखा-जोखा देते हैं लेकिन हकीकत क्या है जानते हुए भी अंजान बने रहते हैं
जब एडीएम साहब से बात हुई तो उन्होंने साफ-साफ यही कह दिया ऐसा कोई भी मामला हमारे संज्ञान में नहीं है उन्होंने एक लिखित प्रेस विज्ञप्ति भी जारी की के पत्रकारों के द्वारा भ्रामक खबरें फैलाई जा रही हैं क्या भारत के प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कोरोना जैसी महामारी में अपने अधिकारियों को दिशा निर्देश देते हैं लेकिन अधिकारी हैं कि कि सत्ता पर बैठे हुए मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के भी आदेश हो की धज्जियां उड़ाने में बाज नहीं आ रहे हैं यदि यही स्थिति रहेगी आने वाले समय में इससे भी भयानक दृश्य भारत की जनता के सामने जरूर होगा अगर रायबरेली के जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव इस मामले को संज्ञान में नहीं लेते हैं तो शायद स्थिति क्या होगी इसका जवाब खुद मेरे पास नहीं
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