*मौलिक अधिकारों का हनन है: शिवम रिछारिया*
सरकार ने आगमी छह महीने के लिए प्रदेश में एस्मा लगाकर प्रदेश के लाखों शिक्षकों एवं कर्मचारियों के आंदोलन व हड़ताल पर रोक लगा दी । सरकार के इस निर्णय से शिक्षकों में काफी रोष है शिक्षक नेता शिवम रिछारिया ने सरकार इस निर्णय को मौलिक अधिकारों का हनन बताया है उन्होंने कहा है कि इस महामारी के चलते पिछले 1.5 वर्ष से शिक्षक एवं कर्मचारियों अपनी आवाज़ को बुंलद करने में अक्षम रहे है। इस महामारी में हमने अपने हज़ारों साथियो को खो दिया है सरकार को कई बार मना करने के बाद भी चुनाव वं मतगणना करवाई । उसके बाद भी सरकार ने 1621 से ऊपर शिक्षक साथियों की त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में कोरोना संक्रांति हो जाने के बाद उनकी जान चली गयी लेकिन सरकार ने केवल 3 शिक्षक की मृत्यु बताकर शिक्षकों का अपमान करने का काम किया । शिक्षक संघ लोकडाउन खुलने के इंतजार में थे । बुंदेलखंड प्राथमिक शिक्षक संघ बंगरा की वर्चुअल बैठक कर कोरोना से मृतक कोरोना से संक्रमित शिक्षकों के परिवार को 1 करोड़ की अनुग्रह राशि दिलवाने के लिए संघ ने निर्णय किया ही था कि सरकार ने एस्मा लागकर शिक्षकों की आवाज़ को दवाने का काम किया ।
रिपोर्टर-राजेश कुशवाहा
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