महराजगंज (फरेन्दा) कोरोना की भीषण त्रासदी से बहुत से परिवार के लोग असमय काल के गाल में समा गए। वही कितनी महिलाएं विधवा व बच्चे यतीम हो गए। कोरोना ने कई परिवारों को ऐसा दर्द दिया है कि परिवार के लोग दर्द व्यक्त करते हुए गमगीन हो उठ रहे हैं। कुछ गांव में ऐसे सदस्य की मौत हुई है, जो अपने घर के एक मात्र चिराग थे। उनकी मौत से परिवार बेसहारा हो गया है और उनके स्वजन के आगे रोजी रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है। वही कुछ निजी कंपनी के कर्मचारियों ने लोगों को आर्थिक सहायता प्रदान कर रहे हैं। ऐसे में निकॉन इंडिया परिवार ने कोरोना से मृत उपेंद्र यादव के परिवार को चेक के माध्यम से 2,23,000 रुपए की आर्थिक मदद की है। सोमवार को निकॉन इंडिया परिवार के एरिया सेल्स मैनेजर (पूर्वी उत्तर प्रदेश) सच्चिदानंद यादव व डिस्ट्रीब्यूटर निकॉन (पूर्वी उत्तर प्रदेश) प्रदीप जी ने मृतक की मां और बहन से मुलाकात कर संवेदना व्यक्त किया साथ ही उन्हें चेक भी सौंपा। यहां बता दें कि
फरेंदा विकास खंड के निरनाम पूर्वी के टोला जमुहरा निवासी उपेंद्र यादव उम्र 28 वर्ष की असामयिक मौत से स्वजन पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है। उपेंद्र को दो मई को बुखार आया। बुखार की दवा लेने के बाद भी उनको आराम नहीं मिला। धीरे धीरे उन्हें खांसी व सांस फूलने कि समस्या होने लगी। स्वजन ने उन्हें इलाज के लिए जिला अस्पताल महराजगंज में भर्ती कराए। जहां उनकी कोविड जांच भी हुई। मृतक की मां रंभा देवी ने बताया कि जांच पाजिटिव होने पर सभी लोग घबरा गए। उपेंद्र की तबीयत में सुधार न होने पर उन्हें गोरखपुर स्थित हो होप पेंसिया हास्पिटल में भर्ती कराया गया। जहां इलाज के दौरान उपेंद्र यादव की 12 मई को निधन हो गया। मृतक की मां ने बताया कि उपेंद्र उनका इकलौता संतान था। उनके पिता की भी मौत जून 2020 में हो गई थी। साल भीतर हुए दो मौतों से परिवार टूट चुका है। उपेंद्र अपने पीछे पत्नी रीता व एक वर्ष के पुत्र को छोड़कर गया है। एकलौते पूत के चले जाने से आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है। चेक सौंपने आए सच्चिदानंद यादव ने बताया कि उपेंद्र यादव निकॉन इंडिया परिवार से जुड़े थे, वह बहुत मिलनसार थे। उनकी कमी खल रही है निकॉन परिवार हर सुख दुख में खड़े होकर उनके परिवार की हर संभव मदद करेगा।