लखीमपुर खीरी। डीएम खीरी डॉ अरविंद कुमार चौरसिया ने सीडीओ अरविंद सिंह के साथ खरीफ उत्पादकता गोष्ठी का फीता काटकर शुभारंभ किया। इस दौरान कृषि व उसके सहयोगी विभागों के स्टालों का अवलोकन कर विभागीय योजनाओं की जानकारी ली।
कलेक्ट्रेट सभागार में गोष्ठी में कृषि विभाग के अधिकारियों ने डीएम व सीडीओ का स्वागत किया। गोष्ठी के शुरुआत में डीडी कृषि डॉ योगेश प्रताप सिंह ने खरीफ की रणनीति व विभागीय योजनाओं पर पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया। उन्होंने खरीफ 2021 के आच्छादन, उत्पादन व उत्पादकता के लक्ष्य, उर्वरक के लक्ष्य सहित मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना, प्रमाणित बीज वितरण, सबमिशन ऑन एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन योजना, प्रमोशन ऑन एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन फॉर इन सीटू मैनेजमेंट, फसल अवशेष प्रबंधन, वर्षा जल संचयन हेतु खेत तालाब योजना, पीएम किसान ऊर्जा सुरक्षा व उत्थान महाभियान (पीएम कुसुम योजना), पीएम किसान सम्मान निधि( पीएम किसान), किसान क्रेडिट कार्ड योजना, पीएम फसल बीमा योजना, फसल अवशेष जलाने से होने वाली हानियां व फसल अवशेष प्रबंधन के उपाय की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कोविड काल मे किसानों के सहयोग से उत्पादन एवं उत्पादकता पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा, जिसके लिए आप सब बधाई के पात्र हैं। मानसून समय से आने व पर्याप्त बारिश होना खरीफ उत्पादन में बड़ी भूमिका अदा करेगा। उर्वरक की कोई कमी नहीं है, इसका अनावश्यक भंडारण ना करें।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए डीएम अरविंद कुमार चौरसिया ने कहा कि किसानों के चेहरे पर खुशहाली लाना प्रशासन की प्रतिबद्धता है। किसानों की समस्याओं का निदान से ही खरीफ गोष्ठी की सार्थकता होगी। खरीफ फसल से पहले किसानों से रूबरू होकर उनकी समस्याओं का समय से निदान कराने हेतु इस गोष्ठी का आयोजन हुआ। उत्पादन लागत को कम करने, खेती की उत्पादकता बढ़ाने पर गोष्ठी में विस्तृत चर्चा हुई। गन्ने की फसल के साथ अन्य फसलों को इंटीग्रेट करें। ताकि उत्पादन एवं उत्पादकता में अपेक्षित वृद्धि हो सके। उन्होंने खेती के साथ पशुपालन को इंटीग्रेट करने का सुझाव दिया। वर्तमान में किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) की प्रासंगिकता बताई। लागत को कम करने, मार्केट को रेगुलराइज करने व मुनाफा बढ़ाने में एफपीओ की महती भूमिका है।
सीडीओ अरविंद सिंह ने कहा कि जनपद खीरी के परिपेक्ष्य में कृषि की बात करने पर गर्व व गौरव की अनुभूति होती है। किसानों की उन्नत सोच व परिश्रम से कृषि क्षेत्र में नाम रोशन हुआ। वैज्ञानिक पद्धति, नई उर्जा व सोच को आत्मसात करने के लिए किसान प्रतिबद्ध रहते हैं। सभी किसानपरक योजनाएं ऑनलाइन व पारदर्शी है। जिले में उर्वरक की कमी को देखते हुए डीएम के निर्देश पर बड़े पैमाने पर प्रवर्तन कार्रवाई हुई। अब आवंटित उर्वरक मिलना शुरू हो गया। जल्द ही संस्थागत सुधार जल्द ही देखने को मिलेगा। पराली को लाभकारी बनाने के प्रयास शुरू हुए हैं।गेहूं,धान, गन्ना के साथ ही उद्यानिकी फसलों में बहुत मुनाफा है।
गोष्ठी में प्रगतिशील किसान यदुनंदन पुजारी ने केला, स्ट्रॉबेरी, पपीता, जिमीकंद, अदरक, हल्दी की खेती में ना केवल अपार संभावनाएं बताई बल्कि कम लागत में अधिक मुनाफा कैसे लिया जाए। इसके टिप्स दिए। इन्होंने इंटरक्रॉपिंग को खेती का एक सशक्त माध्यम बताया। उन्होंने खेती किसानी के साथ-साथ उसके उत्पादों की क्वालिटी पर ध्यान देने की जरूरत बताई। विकास तोमर ने किसान उत्पादक संगठन एसपीओ के फायदे बताकर लोगों को प्रोत्साहित किया। श्री तोमर ने तथास्तु कृषि उत्पादक संगठन की वर्किंग व उपलब्धियां बताई। वही बताया कि उनका एफपीओ जल्द ही बीज का भी उत्पादन शुरु करेगा। राम नरेश वर्मा ने वर्मी कंपोस्ट सुरेश वर्मा ने कुकुट पालन मुरलीधर वर्मा ने जीरो बजट प्राकृतिक खेती, आलोक शुक्ला एवं लियाकत हुसैन सहित अन्य प्रगतिशील किसानों ने भी अपने अनुभव बताकर न केवल किसानों को कम लागत में अधिक मुनाफा कमाने के टिप्स दिए।
उप कृषि निदेशक डॉ योगेश प्रताप सिंह, जिला कृषि अधिकारी सत्येंद्र प्रताप सिंह, जिला गन्ना अधिकारी बृजेश कुमार पटेल, जिला उद्यान अधिकारी दिग्विजय कुमार भूमि संरक्षण अधिकारी जिला योजना प्रमोद कुमार, सहायक आयुक्त एवं निबंधक सहकारिता सूर्य नारायण मिश्रा, कृषि वैज्ञानिक मो. सुहेल, जिला कृषि रक्षा अधिकारी डॉ इंद्रेश गौतम समेत कृषि एवं संबंधित विभागों के आला अफसरों ने खेती किसानी के ना केवल टिप्स दिए बल्कि कैसे उनकी आय दोगुनी हो इसकी रणनीति बताइ।