रायबरेली-सतॉव-उत्तर प्रदेश सरकार विकास कार्य के लिए करोड़ों रुपए पानी की तरह बहा रही है।परन्तु कागज़ों पर विकास कार्य बहुत तेजी से हो रहा है। जबकि धरातल पर कुछ और हो रहा है जिसका एक नजारा सतॉव विकास खंड कार्यालय के मुख्य द्वार पर कभी भी देखा जा सकता है। देखा जाए तो ब्लॉक की मुख्य द्वार से होकर विकास खंड अधिकारी अन्य अधिकारी भी खुद आते जाते हैं परंतु मुख्य द्वार तालाब में तब्दील हो चुका इसे देखने वाला कोई नहीं जोकि जांच का विषय है परंतु जिम्मेदार अधिकारी मुंह खोलने से बच रहे हैं। यहां तैनात ग्राम पंचायत अधिकारियों द्वारा सरकारी धन का ठिकाने लगाने काम बहुत तेजी से चल रहा है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार रायबरेली जिले के विकास खंड सतॉव का कार्यालय सब कुछ बयां करने के लिए ही काफी है।जब यह आलम कार्यालय का है जहां से करोड़ों रुपए की योजनाएं संचालित होती हैं और ग्राम पंचायतों में विकास कार्य किया जाता है। जब विकासखंड कार्यालय में ही विकास की गंगा बह रही है तो ग्राम पंचायतों का क्या हाल होगा यह सोच का विषय है। गांव की सीसी रोड से लेकर खड़ंजा तक बेमौसम बरसात के कारण छोटे-छोटे तालाबों में तब्दील हो गए हैं और विकास कार्य करने के जिम्मेदार जन मूकदर्शक बनकर खड़े हुए हैं अभी इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि योगी सरकार में विकास की क्या दशा होगी और आए दिन ग्रामीणों को जिम्मेदार अधिकारियों पर दोषारोपण करना कितना उचित है। अभी तो पूरी बरसात ही बाकी है आगे क्या होगा यह आने वाला कल ही बताएगा इसी प्रकार खंड विकास सतॉव के विकास खंड अधिकारी उन पर भी नजरें गड़ाएगे, या फिर विकास कार्य कागजों तक सीमित होकर रह जाएगा इसका एक उदाहरण विकास खंड कार्यालय सतॉव स्थिति मलिक मऊ चौबारा में जरूर देखा जा सकता है ब्लॉक कार्यालय के बगल से गांव का मुख्य मार्ग बना हुआ है जिस पर पैदल निकलना दूभर हो रहा है परंतु ग्राम प्रधान से लेकर ग्राम विकास अधिकारी तक अंजान बने हुए हैं जब इन हालातों को देखकर हमारे जिला संवाददाता धर्मेंद्र सोनी ने जिम्मेदार अधिकारियों को अवगत कराया था तो बगले झांकते ही नजर आएं हैं। अब देखना है कि खंड विकास अधिकारी सतॉव क्या ऐसे प्रकरणों में कुछ कार्य कराएंगे या फिर अपना दामन बचाकर दूसरों पर दोषारोपण कर मामले को रफा-दफा कर देंगे जबकि मलिक मऊ चौबारा ग्राम पंचायत के ग्रामीणों में काफी रोष व्याप्त है परंतु हमें तो यह नहीं लगता है कि जिम्मेदार अधिकारी इस तरह भी एक नजर देखेंगे। विकास की असली गंगा देखना हो तो ग्रामीण क्षेत्रों में कहीं भी कभी भी देखा जा सकता है अब इस खबर का इन अधिकारियों पर कितना असर करेगी यह समय के गर्भ में है क्या जिले के जिलाधिकारी रायबरेली मुख्य विकास अधिकारी रायबरेली ऐसे प्रकरणों को कितना गंभीरता से लेते हैं यह एक बहुत बड़ा सवाल बन गया है।
R भारत न्यूज़ 24
जिला संवाददाता धर्मेंद्र सोनी
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