श्री पीतांबरा पीठ सुभाष चौक सरकंडा बिलासपुर छत्तीसगढ़ में माघ गुप्त नवरात्रि 12 फरवरी 2021 से 21 फरवरी 2021 तक धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा मंदिर के आचार्य पंडित दिनेश चंद्र जी महाराज ने बताया कि देवी पूजा, भक्ति और सिद्ध शक्तियों की प्राप्ति के लिए नवरात्रि सबसे उत्तम दिन होते हैं। वर्ष में चार बार नवरात्रि आती हैं। चैत्र और आश्विन माह के शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से नवमी तक दो प्रकट नवरात्रि होती हैं और माघ व आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक दो गुप्त नवरात्रि होती हैं। गुप्त नवरात्रि भी प्रकट नवरात्रि की तरह ही सिद्धिदायक होती हैं, बल्कि ये प्रकट से भी ज्यादा प्रबल होती हैं। गुप्त नवरात्रियां सिद्ध शक्तियां प्राप्त करने के लिए तांत्रिकों, शाक्तों के लिए सबसे सिद्ध दिन होते हैं। इस वर्ष माघ माह की गुप्त नवरात्रि 12 फरवरी 2021 शुक्रवार से प्रारंभ हो रही है। इस बार षष्ठी तिथि की वृद्धि होने से नवरात्रि 10 दिन की रहेगी। गुप्त नवरात्रि का समापन 21 फरवरी रविवार को होगा।
माँ बगलामुखी देवी की उपासना विशेष रूप से वाद-विवाद, शास्त्रार्थ, मुकदमा में विजय प्राप्त करने के लिए, अधिकारी को अनुकूल करने के लिए, कोई आपको अकारण परेशान कर रहा हो तो उसे रोकने,सबक सिखाने,असाध्य रोगों से छुटकारा पाने, बंधन मुक्त संकट से उद्धार,ग्रह शांति एवं संतान प्राप्ति के लिए विशेष फलदाई है।
इस बार गुप्त नवरात्रि में अनेक ग्रहों की स्थितियां बदलेंगी। नवरात्रि के पहले दिन 12 फरवरी को सूर्य कुंभ राशि में गोचर करेंगे और इसी दिन गुरु पूर्व दिशा में उदय होंगे। दूसरे दिन 13 फरवरी को पूर्व में शुक्र अस्त हो जाएगा। इसके बाद 15 फरवरी को बुध पश्चिम में उदय होगा। इसके बाद 20 फरवरी को शुक्र कुंभ राशि में प्रवेश करेगा वहीं 21 फरवरी नवरात्रि के अंतिम दिन मंगल वृषभ में गोचर करेगा और बुध मार्गी हो जाएगा।गुप्त नवरात्रि के नौ दिन तक माँ दुर्गा की विधि-विधान से पूजा की जाती है। गुप्त नवरात्रि में सात्विक और तांत्रिक पूजा की जाती है। गुप्त नवरात्रि मुख्य रूप से साधुओं, तांत्रिकों द्वारा मांँ को प्रसन्न और तंत्र साधना के लिए मनाया जाता है। मान्यता है कि गुप्त नवरात्रि में माँ की पूजा को गुप्त रखा जाता है, इससे पूजा का फल दोगुना मिलता है।
12 फरवरी- प्रतिपदा- गुप्त नवरात्रि प्रारंभ, घट स्थापना, मां शैलपुत्री पूजन
13 फरवरी- द्वितीया- चंद्रदर्शन, मां ब्रह्मचारिणी पूजन
14 फरवरी- गौरी तृतीया- मां चंद्रघंटा
15 फरवरी- मां कुष्मांडा पूजन,
16 फरवरी- मां स्कंदमाता पूजन वसंत पंचमी, सरस्वती पूजन,
17 फरवरी- षष्ठी तिथि वृद्धि
18 फरवरी- षष्ठी, मां कात्यायनी पूजन, वसंत ऋतु प्रारंभ
19 फरवरी- मां कालरात्रि पूजन,नर्मदा जयंती
20 फरवरी- मां महागौरी पूजन, दुर्गा अष्टमी
21 फरवरी- नवमी, मां सिद्धिदात्री पूजन, गुप्त नवरात्रि पूर्ण
गुप्त नवरात्रि के पावन अवसर पर प्रतिदिन देवाधिदेव महादेव का रुद्राभिषेक ,महाकाली महालक्ष्मी ,महासरस्वती राजराजेश्वरी त्रिपुरसुंदरी देवी का श्रीसूक्त षोडश मंत्र द्वारा दुधारियापूर्वक अभिषेक, नर्मदा सहस्रनाम पाठ, माँ बगलामुखी मंत्र जाप विशेष रूप से किया जाएगा।
भवदीय –
आचार्य पं. दिनेश चंद्र पांडेय
श्री पीतांबरा पीठ
बिलासपुर छत्तीसगढ़