Jammu-Kashmir. दो साल बीत चुके हैं जम्मू कश्मीर से धारा-370 और अनुच्छेद-35A को खत्म हुए। दो साल पहले केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर से उसका विशेष दर्जा छीन लिया था। 5 अगस्त, 2019 को नरेंद्र मोदी सरकार ने धारा-370 को खत्म कर दिया था। सरकार ने इस फैसले को “ऐतिहासिक” बताया था। उस दौरान सोशल मीडिया पर और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की जुबान पर एक बात खूब सुनने को मिलती थी कि धारा-370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में जमीन खरीदना आसान हो जाएगा।
तो अब सवाल है कि धारा-370 के हटने के दो साल बाद अब तक जम्मू कश्मीर में शेष भारत के कितने लोगों ने जमीन खरीदा है? इस सवाल का जवाब बीते मंगलवार यानी 10 अगस्त को खुद केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने दिया है।
लोकसभा में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने इस सवाल का जवाब दिया। नित्यानंद राय ने संसद में बताया है कि धारा-370 हटने के बाद से अब तक जम्मू-कश्मीर में देश के दूसरे राज्यों के महज दो लोगों ने जमीन खरीदी है। पिछले दो सालों में सिर्फ दो लोगों ने जम्मू-कश्मीर में जमीन खरीदी। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में कहा है कि “जम्मू-कश्मीर में जमीन खरीदने में लोगों को और सरकार को कोई दिक्कत नहीं है।”
क्यों जमीन नहीं खरीद रहे हैं लोग?
हालांकि इसके बावजूद दो सालों में सिर्फ दो ही ऐसे लोगों ने जम्मू-कश्मीर में जमीन खरीदी है जो जम्मू-कश्मीर से बाहर के रहने वाले हैं। सवाल है कि आखिर अब तक क्यों सिर्फ दो ही लोगों ने जम्मू-कश्मीर में जमीन खरीदी? सरकार को इस सवाल का जवाब देना चाहिए। क्या इसकी वजह ये है कि घाटी के हालात अब तक पूरी सामान्य नहीं हुए हैं?
गौरतलब है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से उसका विशेष दर्जा छीनकर उसे दो हिस्सों में बांट दिया था। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो नए केंद्र शासित प्रदेश बना दिए गए थे। जिसे लेकर खूब विरोध भी हुआ था।
Contact This News Publisher