धनबाद/ बोकारो। सावन का महीना बहुत पावन होता है। यह भगवान शिव का प्रिय महीना है। कहा जाता है कि इस महीने में शिव का जलाभिषेक और पूजन करने से विशेष कृपा होती है। इस साल 25 जुलाई को सावन शुरू हुआ था। सावन के महीने में सोमवार का बहुत खास स्थान है। इस दिन शिव की पूजा का विशेष महत्व है। अब सावन महीने का चलाचली का समय आ गया है। 16 अगस्त को अंतिम सोमवारी है। इसके मद्देनजर धनबाद और बोकारो में शिव भक्त सुबह से ही शिवालयों में पहुंच रहे हैं। जलाभिषेक और पूजन कर भोले शंकर को मना रहे हैं।
देवघर मंदिर बंद हुआ तो चिड़काधाम में लगी भक्तों की भीड़
सावन की चौथी सोमवारी को चास-बोकारो नगर एवं आसपास के ग्रामीण क्षेत्र के श्रद्धालु भगवान शिव की भक्ति में लीन हैं। श्रद्धालु रविवार की रात्रि से ही बोकारो पश्चिम बंगाल स्थित चिड़का धाम जाने के लिए लंबी लाइन में दिखे। कोरोना के कारण देवघर मंदिर बंद हैं। देवघर नहीं जा सके लोग चिड़का धाम गए। पूरी रात से लेकर सोमवार की सुबह तक सड़क पर कांवरियों की लंबी लाइन देखी गई है। लोग बोल बम के नारे के साथ भोले नाथ का नाम लेते दिखे। वहीं श्रद्धालु सोमवार को प्रात:काल पूजा की थाल सजा कर बोकारो इस्पात नगर के विभिन्न सेक्टर, को-आपरेटिव कालोनी, बारी को-आपरेटिव कालोनी, रीतूडीह, सोनाटांड़, कुर्मीडीह, बालीडीह, रेलवे कालोनी, जैनामोड़, चीरा चास व चास के मोहल्ले के अलावा ग्रामीण क्षेत्र के शिवालयों में पहुंचे। उन्होंने पुरोहित के साथ भगवान शिव की आराधना की। श्रद्धालुओं ने शिवलिंग पर जलाभिषेक किया। उन्होंने भगवान शिव से सुख, शांति, समृद्धि के अलावा कोरोना से मुक्ति दिलाने की कामना की। इस दौरान हर-हर महादेव के जयकारे से वातावरण गुंजायमान हो उठा। श्रद्धालुओं ने भजन के माध्यम से भगवान शिव की महिमा का बखान किया। श्रद्धालु कोरोना को लेकर सतर्क रहे। कई श्रद्धालुओं ने अपने घर में ही भगवान की पूजा-अर्चना की।
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