रायबरेली-सतांव-जहा एक ओर शासन के निर्देशों के अनुपालन में जनपद के समस्त विकास खण्डों में 25 सितम्बर को गरीब कल्याण दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की सफलता के लिए विकास खण्डवार नोडल अधिकारियों को नामित किया गया था। जिसमें नामित नोडल अधिकारी विकास खण्डों में लगाये जाने वालें मेले की सम्पूर्ण व्यवस्था देखेंगे। इसी क्रम में रायबरेली जिले के विकासखंड सतांव कार्यालय परिसर में किसान मेला का आयोजन सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक होना निश्चित हुआ था। परंतु आश्चर्य की बात यह रही कि लगभग बारह बजे क्षेत्रीय विधायक राकेश सिंह का आगमन हुआ और एक बजे क्षेत्रीय विधायक के जाने के तत्काल बाद सभी स्टाल व टेन्ट आदि खुलकर चला गया। ए डी ओ पंचायत के देखरेख में सम्पूर्ण कार्यक्रम आयोजित किया गया था जबकि सबसे आश्चर्य चकित बात यह रही कि किसान मेले में विकासखंड अधिकारी सतांव इस कार्यक्रम में दूर दूर तक नजर नहीं आए, जबकि उत्तर प्रदेश सरकार करोड़ों रुपए ऐसे कार्यक्रमों के लिए पानी की तरह बहा रही है परंतु अधिकारी है कि मानते ही नहीं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार रायबरेली जिले के विकासखंड सतांव कार्यालय परिसर में गरीब कल्याण मेले का आयोजन किया गया था। जबकि सुबह 10-00 से 4-00 बजे तक गरीब कल्याण मेले का आयोजन पूर्व निर्धारित समय के अनुसार होना था आश्चर्य चकित बात यह रही कि विकासखंड अधिकारी सतांव के अपने कार्यालय में उपस्थित होना उचित नहीं समझे, और लगभग बारह बजे क्षेत्रीय विधायक हरचन्र्दपुर राकेश सिंह ने कार्यक्रम में शामिल हुए, और एक बजकर बीस मिनट पर क्षेत्रीय विधायक हरचन्र्दपुर निकल गए, फिर क्या विधायक के निकलते ही विकासखंड कार्यालय परिसर में लगा गरीब कल्याण मेला लगभग दस मिनट में ही उखड़ गया।
मेले के दौरान हंगामा कर रहे व्यक्ति ने बताया कि ब्लॉक कार्यालय में जलपान की कोई व्यवस्था नही है इसीलिए सभी टेंट खुल गए है। ब्लॉक कर्मचारियों की लापरवाही के कारण सभी किसान चले गए और टेंट भी समय से पूर्व खुल गया।
क्या कहते है जिम्मेदार अधिकारी
क्या कहते है एडीओ पंचायत
वही जब इस मामले में एडीओ पंचायत सर्वेन्द्र बहादुर सिंह से बात की गई तो उन्होंने मीडिया के सवालों का सही से जवाब नही दिया और अपनी ही बाते मनवाने की जिद करते रहे। सरकार के निर्देश पर किये गए इस कार्यक्रम में ब्लॉक के अधिकारी व कर्मचारियों ने कोई रुचि नही दिखाई। विशेष ध्यान देने योग्य बात यह है कि सहायक विकास अधिकारी ने मौखिक रूप से बताया कि इस कार्यक्रम में जो पैसा लगा है वह हम सभी कर्मचारियों ने अपनी जेब से लगाए हैं प्रशासन द्वारा कोई धनराशि मुहैया नहीं कराया गया है।
क्या कहते है नोडल अधिकारी डॉ वैभव त्रिपाठी
वही जब नोडल अधिकारी डॉ वैभव त्रिपाठी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि सरकार के निर्देश पर आयोजित इस कार्यक्रम में ग्रामीणों को प्रमाण पत्र, आवास की चाभी, गैस कनेक्शन दिए गए। बारिश की वजह से फरियादियो की संख्या कुछ कम थी।
रिपब्लिक भारत न्यूज़ 24
जिला संवाददाता धर्मेंद्र सोनी