छत्तीसगढ़ में लागू है लोकसेवा गारंटी अधिनियम और सिटीजन चार्टर। लेकिन सभी कार्यालयों से संबंधित सूचना बोर्ड हटा दिये गये है, क्योंकि जानकार इसका उपयोग कर कर्म चारीयों को मुसीबत में डाल सकते हैं।। स्वास्थ्य मंत्री टी,एस, सिंहदेव का आदमी उर्फ बिलासपुर का निर्वाचित विधायक उर्फ शिक्षाविद यही करवाने के लिए सिंह देव के एक और आदमी को सिम्स भेजा था, परिस्थितियां कुछ ऐसी बनी कि भावावेश में झूमा झटकी हो गयी,,और सेवा लेना जिसका अधिकार था उस पर मुकदमा बन गया , और सेवा देना जिसका कर्तव्य था वह पिड़ित हो गया,उपर से sc होने के कारण प्रताड़ित और शोषित भी घोषित हो गया।।देश में और राज्य में इस समय महामारी अधिनियम भी लागू है।। लोकसेवा गारंटी अधिनियम के तहत कोई भी कर्मचारी सेवादेने से इंकार नहीं कर सकता,और स्वास्थ्य सेवा तो अत्यावश्यक सेवा सूची में शामिल हैं।।तो अपराध सिम्स और कर्मचारियों पर कायम होना चाहिए , लेकिन हुआ उल्टा ही।।पूरे प्रकरण में सिम्स प्रबंधन का कोई अधिकृत वक्तव्य जारी नहीं किया गया है।। फिर अभी तक मशीनों का भौतिक परिक्षण और आडिट भी नहीं करवाया गया है,, सिम्स की सभी मशीनों का भौतिक परिक्षण और आडिट करवा कर , सिम्स मे लोकसेवा गारंटी अधिनियम और सिटीजन चार्टर एक्ट का बोर्ड लगवाया जाये, और जो भी कर्मचारी सेवादेने से इंकार करे या नदारद रहे तो उस पर अधिनियम के तहत कार्रवाई होना चाहिए।। फिलहाल तो राजनीति चरम पर है।। मेडिकल कॉलेज अस्पतालो में पूरे राज्य में सोशल आडिट के साथ जिम्मेदारीयां भी तय करनी होगी
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