उत्तरप्रदेश:- समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव 12 अक्तूबर से समाजवादी विजय यात्रा निकालेंगे। वह रथ पर सवार होकर चरणबद्ध तरीके से प्रदेश के हर विधानसभा क्षेत्र में पहुंचेंगे। इसके लिए अलग-अलग चरण में तीन माह का समय तय किया गया गया है। पहले चरण में लखनऊ से चलकर कानपुर पहुंचेंगे। अखिलेश यादव यहां जनसभा होगी। फिर बुंदेलखंड पहुंचेंगे। इसके पीछे 2011 का इतिहास है। इसी रूट पर चलने के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री की कुर्सी मिली थी।अखिलेश के लिए उन्नाव की जमीन भाग्यशाली रही है। यही वजह है कि वह 21 जुलाई को रथ से उन्नाव पहुंच कर जनसभा कर चुके हैं। अब दोबारा चुनावी रथ लेकर 12 अक्तूबर से निकल रहे हैं। इसमें भी लखनऊ से उन्नाव होते हुए कानपुर पहुंचेंगे। यहां जनसभा में पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता जुटेंगे। यहां से विधिवत चुनावी आगाज होगा। इसके बाद रथयात्रा हमीरपुर होते हुए तीन दिन बुंदेलखंड में रहेगी।अखिलेश यादव समाजवादी विजय यात्रा के जरिए हर जिले में एक जनसभा करेंगे। इस दौरान भाजपा सरकार की नाकामियों से लोगों को वाकिफ कराएंगे। साथ ही सपा सरकार बनने पर आमजन का भविष्य संवारने के लिए तैयार की गई कार्ययोजना भी बताएंगे। पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि जब-जब अखिलेश यादव क्रांति यात्राओं पर निकले हैं, प्रदेश की राजनीति में नया परिवर्तन आया है। वह इससे पहले 31 जुलाई 2001 में पहली बार क्रांति रथ लेकर निकले थे। इसके बाद 12 सितंबर 2011 को दूसरी बार समाजवादी क्रांतिरथ यात्रा लेकर निकले। इस रथयात्रा ने उन्हें मुख्यमंत्री का ताज सौंपा। उस वक्त भी वह लखनऊ से उन्नाव होते हुए कानपुर और बुंदेलखंड पहुंचे थे। इस बार भी तिथि 12 ही है और रूट भी पुराना है। बस माह बदल गया है।
अन्याय, अत्याचार की होगी मुखालफत अखिलेश ने कहा कि पार्टी हमेशा अन्याय, अत्याचार की मुखालफत करती रही है। भाजपा शासनकाल में जनता त्रस्त है। हर स्तर पर जुल्म हो रहा है। प्रदेश की जनता को इस जुल्म से बचाने के लिए समाजवादी विजय यात्रा निकाली जा रही है। यह यात्रा जनता की आवाज बनेगी। डॉ. राम मनोहर लोहिया और लोकनायक जयप्रकाश नारायण के सपनों को साकार करने के लिए नई इबारत लिखेगी।
प्रदेश की सियासत में अहम है 12 अक्तूबर
प्रदेश की सियासत में 12 अक्तूबर का दिन अहम है। इस दिन अखिलेश यादव विजय यात्रा निकाल रहे हैं तो प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) मथुरा से सामाजिक परिवर्तन यात्रा निकाल रही है। प्रसपा की यात्रा मथुरा से चलकर इटावा, औरैया होते हुए लखनऊ की ओर बढ़ेंगी। अलग-अलग यात्राएं गठबंधन की राह जुदा होने की ओर इशारा कर रही है। हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि गठबंधन की तस्वीर सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन 22 नवंबर को साफ होगी।