“उत्तम शौच सर्व जग जाना,लोभ पाप को बाप बखाना।
आशा पास महादुखदानी,संतोषी गुण रतन भण्डारी।।”
●लोभी मनुष्य की पूर्ति तीन लोक की संपत्ति भी नही कर सकती: आर्यिकारत्न विभाश्री
●लोभ सर्वश्व नाश कर देता हैं: गणिनी विभाश्री
●दाम बिना निर्धन दुःखी,तृष्णा वश धन्यवान: विभाश्री माताजी
●अन्याय व अनीति का धन दस वर्षों से ज्यादा नही टिकता: गुरुमाँ विभाश्री
● आज (4सितम्बर) को मनाया जाएगा श्री पुष्पदंत भगवान का मोक्षकल्याणक निर्वाण महोत्सव
झाँसी:इंसान को तीनों लोक की पूरी संपत्ति दे दी जाए तो भी कामनाओं को पूरा नही किया जा सकता,ये कामनाएँ ही इंसान को परेशान किये हुए है।इंसान की खोपड़ी में जितना डालते जाओ उतना कम होता है,यह जीव जितना स्वयं को प्राप्त होता है उस ओर नही देखता हैं दूसरों को देखता हैं,गरीब आदमी अमीर आदमी को देखकर दुखी हैं और अमीर आदमी तृष्णा के वश होकर दुःखी हैं। जब तक जीवन मे संतोष धन नही आएगा तब तक जीवन सुखी नही हो सकता
लोभ सभी कषायों में सबसे ज्यादा खतरनाक हैं
क्रोध प्रीति का नाश करता मान विनय का नाश करता है,माया मित्रता का नाश करती हैं लेकिन लोभ सर्वश्व नाश कर देता है ।संसार में जितनी भी बेईमानी के काम धंधे चल रहे है सभी लोभ के कारण चल रहे हैं,लोभ सभी पापों का बाप हैं,महात्मा गांधी ने एक शास्त्र में सात पापों का उल्लेख किया है जिसमें बिना मेहनत की कमाई को सबसे पहला पाप बताया,बिना मेहनत के पैसा कमाने की जो सोचता है वह पैसा अगर आ भी जाये तो व्यसनों में लगता है।
बिना मेहनत के पुण्य नही,जो बिना मेहनत के पुण्य चाहते हैं वो शेयर बाजार की तरह धोखे में हैं।एक व्यक्ति की आवश्यकता कितनी है? इस विषय मे विचार करने की आवश्यकता हैं।जैनआगम पैसा कमाने को मना नही करता लेकिन अन्याय व अनीति से कमाया हुआ दस वर्ष से ज्यादा नही टिकता
उन्होंने आगे कहा साधु के पास अगर पैसा है तो वह दो कौड़ी का,और अगर गृहस्थ के पास पैसा नही तो वह दो कौड़ी का ।
धर्म को भी समय दो,परिवार को भी समय दो,व्यापार को भी समय दो,समाज को भी समय दो वस यही है उत्तम शौच धर्म
जो व्यक्ति प्रातःकाल भगवान का अभिषेक पूजन करता है उसका भविष्य कभी अंधकारमय नही होता।
खूब कमाओं भरत चक्रवर्ती जैसे छह खण्ड के अधिपति बन जाओ लेकिन धर्म को कभी मत छोड़ना। यह उदगार गांधी रोड स्थित दिगम्बर जैन बड़ा मंदिर में चल रहे दस दिवसीय ध्यानयोग पर्युषण जिनार्चना महोत्सव में पूज्य गणिनी गुरुमाँ विभाश्री माताजी ने दिए।
पूज्य श्रमणी विनयश्री माताजी के निर्देशन में नित्यनियम पूजन पंडित स्वतंत्र भैया जी टीकमगढ़ के कुशल मंत्रोच्चार के साथ संपन्न हुई
इसके पूर्व श्रद्धालुओं ने श्रीजी का सहस्रनाम मंत्रों के द्वारा अभिषेक किया। विश्व की मंगल कामना सहित शांतिधारा करने का सौभाग्य संजय जैन ‘चिरगांव’,मनोज सिंघई,महेंद्र सिंघई,संजय सिंघई,डॉ राजीव जैन,अमित जैन,रोमिल जैन,अनूप जैन ‘पत्रकार’,महेन्द्र जैन ‘रेलवे’,कमल जैन,शान्तनु जैन को प्राप्त हुआ।
श्रीमति सिंघई सुनीता,अंजलि,मनीषा,पूजा जैन ने पूज्य माताजी के चरणों का प्रक्षालन करने का सौभाग्य अर्जित किया।
साधु संतों की सेवाओं के लिए डॉ सचिन जैन ‘बैधनाथ’ का सम्मान किया गया।
वरिष्ठ समाजसेवी अशोक जैन ‘लाला’,रमेश जैन अछरौनी, जिनेन्द्र सर्राफ,मनोज जैन ‘अछरौनी’,अशोक जैन ‘रतनसेल्स’,ने माताजी के चरणों मे श्रीफल भेंट कर आशीर्वाद ग्रहण किया।
इस अवसर पर पंचायत के शिरोमणि संरक्षक प्रकाशचंद जैन,अध्यक्ष अजित कुमार जैन,वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुभाष जैन ‘बिजली’,कनिष्ठ उपाध्यक्ष वरुण जैन,कोषाध्यक्ष जितेन्द्र चौधरी,ऑडिटर राजकुमार भण्डारी, बड़ामंदिर मंत्री सुनील जैनको,प्यावलजी मंत्री खुशाल जैन,उत्तरांचल तीर्थ क्षेत्र कमेटी के महामंत्री प्रवीण जैन ‘पत्रकार’,मनोज नायक,संजय जैन गुदरी, वीरेन्द्र जैन ‘बुढ़पूरा’,सुकमाल जैन ‘बड़ागांव’,आलोक जैन ‘विश्वपरिवार’,सुयोग भण्डारी,अंकित सर्राफ,अमन जैन,दीपांक सिंघई, शुभम जैन,यश जैन,मयंक जैन,अनूप जैन सनी,अविनाश मड़वैया,शालू जैन,सुरभि जैन,सृष्टि जैन,साक्षी जैन आदि उपस्थित रहें।
सौरभ जैन सर्वज्ञ ने संचालन करते हुए बताया की (*आज) 4सितम्बर को भाद्रपद शुक्ल अष्टमी के दिन तीर्थंकर पुष्पदंत भगवान के मोक्षकल्याणक के अवसर पर श्रद्धालुओं द्वारा भक्तिभाव पूर्वक निर्वाण लाडू समर्पित किया जाएगा
कार्यक्रम के अंत मे पंचायत के मनोनीत सदस्य गौरव जैन नीम ने आभार व्यक्त किया
सौरभ जैन ‘सर्वज्ञ’
मनोनीत सदस्य:- श्री दिगम्बर जैन पंचायत समिति, झाँसी
मीडिया प्रभारी
श्री गुरुमां विभाश्री चातुर्मास समिति,झाँसी
मोबाइल नम्बर 9140535648
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