*👉विगत वर्षों में खंड शिक्षा अधिकारी शिवगढ़ में अपनी हठधर्मिता को लेकर सदैव बने रहे समाचार की सुर्खियां*
*👉नियम कानून से ऊपर माने जाते हैं खंड शिक्षा अधिकारी सतांव*
*👉विद्यालय प्रबंधक समिति की बगैर बैठक के फर्जी प्रस्ताव बनवाकर बना दिए निर्माण प्रभारी*
*👉ऐसे अवैध कार्यों को अंजाम देना खंड शिक्षा अधिकारी सतांव गौरव मिश्रा को महारत हासिल*
रायबरेली-उत्तर प्रदेश की योगी सरकार चाहे जितने आदेश जारी करे कि प्रदेश के सभी विभागों से भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म कर देंगे परंतु यह प्रकरण देखकर ऐसा असंभव ही नहीं नामुमकिन भी नजर आ रहा है फिर शिक्षा विभाग में ऐसे अधिकारियों का पर्दाअर्पण हो जाना कहीं ना कहीं प्रदेश सरकार की साख पर बट्टा लगाने से कैसे बच सकता है ताजा उदाहरण आप देख सकते हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रायबरेली जनपद के विकासखंड सतांव क्षेत्र के ग्राम पंचायत सतांव के अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय शिवमंगल खेड़ा में भवन निर्माण हेतु धन राशि का जैसे ही आगमन हुआ तो जनपद में अपने क्रियाकलापों से पूर्व से चर्चित रहे व वर्तमान खंड शिक्षा अधिकारी सतांव गौरव मिश्रा द्वारा धन को ओने पौने करवाने के लिए बड़े खेल करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी।
आपको बताते चलें कि रायबरेली जनपद के विकास खंड सतांव के अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय शिवमंगल खेड़ा में भवन निर्माण हेतु सरकार द्वारा धनराशि जारी की गई तो विद्यालय में तैनात प्रधानाचार्य विशाल गुप्ता इस प्रकरण को अपने खंड शिक्षा अधिकारी के सहयोग से धन के बंदरबांट की ऐसी चाल चली की विद्यालय में पूर्व से स्थापित विद्यालय प्रबंधक समिति के सदस्यों के साथ-साथ अध्यक्ष को भी प्रकरण की भनक भी नहीं लगी और बिना बैठक कराए ही प्रस्ताव बनाकर विद्यालय प्रबंधक समिति के अध्यक्ष राकेश कुमार के घर जाकर हस्ताक्षर करवा करके स्कूल पहुंचे ही थे कि इस सम्पूर्ण की प्रकरण की जानकारी विद्यालय प्रबंधक समिति के अध्यक्ष राकेश कुमार द्वारा ग्राम सभा के प्रतिष्ठित लोगों को दी, तत्काल विद्यालय पहुंचकर प्रधानाचार्य विशाल गुप्ता को फर्जी प्रस्ताव को फाड़ देने के लिए अनुरोध किया और कहा कि यह प्रस्ताव आगे मत भेजो परंतु प्रधानाचार्य एवं खंड शिक्षा अधिकारी की सांठगांठ से फर्जी प्रस्ताव के सहारे निर्माण प्रभारी का चयन कर धन के बंदरबांट का खेल शुरू ही कर दिया फिर क्या घटना की जानकारी ग्राम पंचायत में जंगल में आग की तरह फैल गई,और प्रधानाचार्य विशाल गुप्ता एवं खंड शिक्षा अधिकारी गौरव मिश्रा के मंसूबे पर पानी फिरने लगा, जबकि भवन निर्माण से संबंधित कोई भी निर्माण कार्य होने से पहले विद्यालय प्रबंधक समिति की बैठक करवाई जाती है बैठक में प्रस्ताव पारित कराया जाता है जो प्रस्ताव पारित होता उसी पर निर्माण प्रभारी नियुक्त किया जाता है परंतु पूर्व से अपने क्रियाकलापों से समाचार पत्रों की सुर्खियां बने खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा नियम कानून को किनारे रखकर धन के बंदरबांट की कोई कोर कसर नहीं छोड़ी, काश इसी प्रकार अधिकारियों कर्मचारियों ने ऐसे सरकारी धन को काश बंदरबांट करते रहे तो प्रदेश सरकार की विकास के लिए जो वादे किए जाते हैं वह कागजों तक ही सीमित रह जाएंगे और धरातल पर कुछ और ही देखा जाएगा अब देखना यह है कि इस गंभीर प्रकरण को जनपद की तेजतर्रार जिला अधिकारी माला श्रीवास्तव इस प्रकरण में कितना गंभीर रूख अख्तियार करती हैं और ऐसे विवादों से चोली दामन का साथ रखने वाले खंड शिक्षा अधिकारी सतांव गौरव मिश्रा एवं प्राथमिक विद्यालय शिवमंगल खेड़ा के प्रधानाध्यापक विशाल गुप्ता पर क्या कार्रवाई होती है यह तो आने वाला समय ही बताएगा परंतु यह प्रकरण जनपद में चर्चा का विषय बन गया है क्षेत्र में लोग ऐसे बच्चों के भविष्य माने जाने वाले अधिकारी कर्मचारियों की चर्चा करते नहीं थक रहे हैं।
रिपब्लिक भारत न्यूज़ 24 जिला संवाददाता धर्मेंद्र सोनी- मो०न०94510 76301 9140 7495
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