बदांयू:- जिला बदायूं शहर बिसौली गांव पिनारे में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जयंती को बड़े ही धूमधाम से मनाया गया।बड़े ही सुंदरता से झांकी को निकाला गया और माला पहना कर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी की सम्मान सहित झांकी निकाली गई।
14 अप्रैल यानि कि आज शुक्रवार को पूरा देश अंबेडकर जयंती या भीम जयंती मना रहा है। भारतीय राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक अंबेडकर की स्मृति को सम्मानित करने के लिए पूरे देश में विभिन्न तरह के कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाता है। भारतीय संविधान के निर्माता अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को हुआ था। वे महार (अछूत) जाति से थे। भारत में कुछ लोग उनके जन्मदिन को “समानता दिवस” के रूप में भी मनाते हैं।
14 अप्रैल को राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और सबसे बड़े राजनीतिक दलों के अध्यक्ष जैसे वरिष्ठ राष्ट्रीय अधिकारियों की नई दिल्ली में भारतीय संसद में अंबेडकर की प्रतिमा के प्रति सम्मान देने की परंपरा है। 14 अप्रैल, 1928 को पुणे में बाबासाहेब अंबेडकर का पहला जन्मदिन सार्वजनिक रूप से सामाजिक कार्यकर्ता और अंबेडकरवादी जनार्दन सदाशिव रणपिसाई ने मनाया था। उन्होंने अंबेडकर जयंती या बाबासाहेब का जन्मदिन मनाने की प्रथा स्थापित की। अंबेडकर ने 1907 में हाई स्कूल किया। इसके बाद में उन्होंने एलफिन्स्टन कॉलेज में राजनीति विज्ञान और अर्थशास्त्र में ऑनर्स के साथ बीए किया।
उन्होंने पोस्टग्रेजुकेशन न्यूयॉर्क में कोलंबिया विश्वविद्यालय में दाखिला लिया और 1927 में उन्होंने अर्थशास्त्र में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। 1916 में ग्रे के इन बार कोर्स में दाखिला लेने के अलावा उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में अर्थशास्त्र में एक और पीएचडी थीसिस भी पूरी की। अंबेडकर 64 विषयों के विशेषज्ञ और 11 भाषाओं के प्रवक्ता भी थे। अंबेडकर की लाइफ से बहुत कुछ सीखने को मिलता है।
रिपोर्ट :- सीमा देवी
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