(रिंकू दिवाकर/ राजा प्रजापति) चंदौसी, भारतीय संसद द्वारा पारित भारतीय कानून आईटीआई एक्ट को जनपद संभल के जिला विद्यालय निरीक्षक वेदराम इन दिनों खिलौना समझने में जुटे हैं बताते चलें कि भारतीय कानून आईटीआई एक्ट को जनपद संभल के जिला विद्यालय निरीक्षक खिलौना समझते हुए आईटीआई कार्यकर्ताओं के पत्रों को मजाक समझ रहे हैं और रद्दी की टोकरी में डालने में लगे हैं।आरटीआई कार्यकर्ताओं को समय से सूचनाएं उपलब्ध नहीं करा रहे।इसका मुख्य कारण बताया जा रहा है कि जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में वर्षों से तैनात बाबू भी इसके लिए अहम जिम्मेदार हैं,जबकि भारतीय कानून आईटीआई एक्ट के तहत मांगी गई सूचना राजकोषीय हित और भ्रष्टाचार से संबंधित है तो इसका खुलासा करने के लिए हर भारतीय नागरिक को सूचना पाने का अधिकार है। इसी के चलते शाहबाद रोड चंदौसी निवासी आईटीआई कार्यकर्ता रिंकू दिवाकर पुत्र सोहनलाल ने बीते माह पूर्व पहले ग्राम मोहउद्दीनपुर खिरनी ब्लॉक पवॉसा जनपद संभल में संचालित शांति देवी कन्या इंटर कॉलेज के विषय में कई बिंदुओं पर सूचनाऐं मांगी थी जो सूचना राजकोषीय हित और भ्रष्टाचार से संबंधित थी, लेकिन इतने दिनों के बीतने के उपरांत भी जिला विद्यालय निरीक्षक वेदराम ने अभी तक आईटीआई कार्यकर्ता रिंकू दिवाकर को सूचनाऐं उपलब्ध नहीं कराई है।जबकि बताया जाता है कि जिस कॉलेज शांति देवी कन्या इंटर कॉलेज की आईटीआई कार्यकर्ता रिंकू दिवाकर ने सूचनाऐं मांगी है, उस कॉलेज का प्रबंधक सुलेराम यादव समाजवादी पार्टी का दबंग नेता बताया जाता है। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार सुलेराम यादव ने समाजवादी सरकार में जमकर नकल माफिया के रूप में खेल खेला था, जिसकी चर्चाएं इन दिनों आज भी क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है। लेकिन आईटीआई कार्यकर्ता रिंकू दिवाकर द्वारा जिला विद्यालय निरीक्षक से मांगी गई सूचनाओं को ना उपलब्ध कराना जिला विद्यालय निरीक्षक वेदराम पर सवालिया निशान खड़ा कर रहा है ? जबकि आईटीआई कार्यकर्ता रिंकू दिवाकर के मुताबिक आईटीआई कार्यकर्ता रिंकू दिवाकर ने जिला विद्यालय निरीक्षक वेदराम से सूचना प्राप्त करने के लिए कई बार प्रार्थना की है।लेकिन उसके बाद भी जिला विद्यालय निरीक्षक वेदराम शांति देवी कन्या इंटर कॉलेज की सूचना उपलब्ध कराने में अपना पल्ला झाड़ने में तुले हैं और जमकर भारतीय कानून आईटीआई एक्ट की मजाक बना रहे हैं। आरटीआई कार्यकर्ता मजबूरन राज्य सूचना आयोग में अपनी अपील करने के लिए बाध्य होगा।
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