आजादी के बाद पहली बार दिल्ली में पढ़ी-लिखी युवती संभालेगी खरेला गांव के प्रधान की कमान
झांसी जिले का खरेला गांव ऐसा पहला गांव होगा, जिसमें आजादी के बाद से पहली बार गांव के प्रधान की कमान एक युवती संभालेगी। इस गांव से प्रधानी का चुनाव लड़ने वाली संगीता यादव ने राजनीतिक धुरंधरों को धूल चटाकर कड़े संघर्ष के बाद 6 वोटों से जीत हासिल की। जरहाकला ग्राम पंचायत के खरेला गांव में विजेता बनी संगीता यादव ने लंबे समय तक दिल्ली में रहकर टीवी प्रोग्राम प्रोडक्शन की पढ़ाई की है। इसके अलावा वह एक मीडिया हाउस में भी काम कर चुकी हैं। संयुक्त मीडिया क्लब के केंद्रीय अध्यक्ष रामनरेश यादव की पत्नी संगीता यादव जब चुनाव मैदान में उतरी तो उन्हें चंद लोग ही पहचानते थे, लेकिन अपनी मेहनत तथा व्यक्तित्व से उन्होंने ग्राम पंचायत के अधीन आने वाले तीनों गांवों में अपना अलग प्रभाव छोड़ा और दो राजनीतिक धुरंधरों को पटखनी दे दी। यह दोनों राजनीतिक धुरन्धर पहले से ही ग्राम सभा के प्रधान रह चुके थे। फिलहाल संगीता यादव पर ग्राम पंचायत के अधीन आने वाले 3 गांवों की जिम्मेदारी आ गई है। ग्रामवासी भी एक शिक्षित प्रधान को पाकर बेहद उत्साहित हैं और उनकी उम्मीदें कई गुना बढ़ गई हैं। गांव के लोगों का कहना है कि अब गांव के चहुमुखी विकास को कोई नहीं रोक सकता। दूसरी ओर संगीता यादव की जीत पर संयुक्त मीडिया क्लब के प्रदेश अध्यक्ष मदन यादव ने हर्ष जताते हुए कहा है कि मीडिया को अब राजनीतिक दखलअंदाजी करने की मजबूरी हो गई है, क्योंकि देश और प्रदेश अब दशा और दिशा से भटकता जा रहा है। ऐसे में मीडिया की जिम्मेदारी कई गुना बढ़ गई है।
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