इसे हत्या ना कहें तो और क्या कहें। यह अमानवीय घटना कोरबा जिले के पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक अंतर्गत ग्राम तानाखार के प्राथमिक शाला में पदस्थ सहायक शिक्षक एल बी श्री सधवा कुमार बंजारे जो 60% निशक्त थे उनके साथ घटित हुई है।
कोरोना महामारी के अंतर्गत पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक के अनुविभागीय अधिकारी के द्वारा 18 अप्रैल 2021 को कोविड-19 टीकाकरण में लोगों को प्रेरित करने के लिए अन्य शिक्षकों के साथ उनकी भी ड्यूटी लगाई गई थी। जिसकी उन्होंने अपनी पूरी निष्ठा के साथ ड्यूटी की जिसके बाद अधिकारियों के आदेश अनुसार वह लगातार अपनी ड्यूटी पूरी ईमानदारी से निभा रहे थे।
हद तो तब हो गई जब पुनः शासकीय हाई स्कूल तानाखार के प्राचार्य सुखनंदन सिंह पैकरा एवं तानाखार संकुल के संकुल समन्वयक कृष्ण लाल लसहे के द्वारा पुनः अन्य शिक्षकों के साथ-साथ इनकी भी घर घर जाकर कोविड-19 लक्षण आत्मक व्यक्तियों का सर्वे करने के लिए उनकी ड्यूटी लगा दी गई। जिसके लिए उन्होंने अपने अधिकारियों को अपनी विकलांग स्थिति से अवगत कराते हुए सर्वे ड्यूटी पर नहीं लगाए जाने की मांग की।
परंतु उनकी इस प्रार्थना का संबंधित अधिकारियों के ऊपर कोई प्रभाव नहीं पड़ा और दबाव पूर्वक उनसे सर्वे कार्य करने के लिए बाधित किया गया। इसी बीच सर्वे कार्य करते वह कोरोना संक्रमित हो गए जिसके बाद उनकी स्थिति निरंतर बिगड़ती गई। परिवार वालों के द्वारा उनको 18 मई को पोड़ी उपरोड़ा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया जहां उनकी स्थिति को देखते हुए उन्हें बिलासपुर रेफर किया गया। जहां बिलासपुर के एक निजी अस्पताल में उपचार के दौरान संक्रमण अधिक हो जाने पर 19 मई 2021 को उनकी मृत्यु हो गई।
आपको बता दें की अभी तक छत्तीसगढ़ में लगभग 400 से अधिक शिक्षकों की कोरोना ड्यूटी के कारण संक्रमित होने से उनकी मृत्यु हो चुकी है इसमें आज एक और शिक्षक का नाम जुड़ गया है।
दुख की बात तो यह है कि इतने विकलांग शिक्षक की स्थिति पर भी उनके अधिकारियों की मानवता नहीं जागी। जिसका खामियाजा आज उन्हें अपनी जान देकर चुकाना पड़ा आज उनका परिवार पूरी तरह से उजड़ चुका है वह अपने पीछे अपनी पत्नी और तीन मासूम बच्चों को रोता छोड़कर चले गए हैं। जिसकी छतिपूर्ति शायद कोई भी नहीं कर सकता।
कोविड-19 प्रोटोकॉल का हवाला देते हुए हर अधिकारी आजकल सोशल नेटवर्क के माध्यम से अपने आदेशों एवं निर्देशों को व्हाट्सएप के माध्यम से प्रेषित करते हैं परंतु जहां पर बात कर्मचारियों की आती है वहां पर यही अधिकारी उनसे कार्यालय में उपस्थित होकर लिखित में आवेदन और प्रमाण पत्रों की मांग करते हैं और किसी कर्मचारी के द्वारा यह प्रस्तुत नहीं कर पाने पर उन्हें अनुपस्थित मानकर उनका पूरे माह का वेतन रुकवाने एवं अन्य तरीकों से प्रताड़ित किया जाता है। शायद इसी भय ने श्री सधवा कुमार बंजारे की जान ले ली।
इस घटना के बाद शिक्षकों में भारी आक्रोश है। जिस के परिप्रेक्ष्य में आज छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के ब्लॉक इकाई पोड़ी उपरोड़ा के पदाधिकारियों श्री प्रमोद सिंह राजपूत (प्रदेश संगठन मंत्री), श्री राम शेखर पांडेय (ब्लॉक अध्यक्ष), श्री कन्हैया देवांगन (प्रदेश संगठन सचिव), नरेंद्र चंद्रा (जिला सचिव) एवं सदस्यों के द्वारा जिला कोरबा के कलेक्टर ,जिला शिक्षा अधिकारी, विकास खंड पोड़ी उपरोड़ा के एस डी एम एवं विकासखंड शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर अपनी संवेदना एवं मांगो को रखा।