मध्यप्रदेश , आगरा….
पुलवामा हमले में देश के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले आगरा के लाल शहीद कौशल रावत के परिवार को आज तक सरकारी मदद नहीं मिल पाई है। कौशल की पत्नी ममता रावत ने शिक्षा विभाग द्वारा परिवार की सहायता के लिए एकत्र की गई धनराशि परिवार को न देने पर सीएम योगी आदित्यनाथ और पीएम नरेंद्र मोदी से मदद की गुहार लगाई है। शिक्षकों और कर्मचारियों की इस मदद से 65 लाख 57 हजार की धनराशि एकत्र की गई थी। लेकिन दो साल बाद भी नहीं मिली। ममता रावत ने मुख्यमंत्री राहत कोष में शहीद के परिवार की आर्थिक मदद के लिए जमा राशि जल्द न मिलने पर आत्महत्या करने की बात कही है।
14 फरवरी 2019 को कौशल रावत पुलवामा हमले में हुए थे शहीद
14 फरवरी 2019 के दिन पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। उस हमले में भारतीय सेना के 40 से ज्यादा योद्धा शहीद हुए थे। उन्हीं शहीदों के परिवार में से एक परिवार आगरा के कहरई निवासी कौशल कुमार रावत का भी है।
शहीद स्मारक बनवाने की घोषणा की गई थी
कौशल के परिवार के लिए उत्तर प्रदेश राज्य सरकार द्वारा कई वादे किए गए, लेकिन आज तक एक भी वादा पूरा नहीं हुआ। शहीद का परिवार आज आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। राज्य सरकार की तरफ 25 लाख देने की घोषणा की गई थी। इतना ही नहीं उन्हें शहीद स्मारक बनाने के लिए जमीन देने की घोषणा भी की गई। साथ ही उनके गांव से लगती सड़क का नाम भी शहीद के नाम पर रखने की बात की गई थी।
मदद के लिए एकत्र की गई धनराशि अब तक नहीं मिली
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने इस परिवार को 25 लाख रुपये की राशि तो दी, लेकिन उसके बाद इस परिवार की सुध तक नहीं ली। इस दौरान सितम्बर 2019 में आगरा के शिक्षण संस्थानों के शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों ने शहीद के परिवार की आर्थिक सहायता के लिए 1000/प्रति शिक्षक स्वेछा से मदद की थी।
शहीद स्मारक बनवाने की घोषणा की गई थी
कौशल के परिवार के लिए उत्तर प्रदेश राज्य सरकार द्वारा कई वादे किए गए, लेकिन आज तक एक भी वादा पूरा नहीं हुआ। शहीद का परिवार आज आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। राज्य सरकार की तरफ 25 लाख देने की घोषणा की गई थी। इतना ही नहीं उन्हें शहीद स्मारक बनाने के लिए जमीन देने की घोषणा भी की गई। साथ ही उनके गांव से लगती सड़क का नाम भी शहीद के नाम पर रखने की बात की गई थी।
मदद के लिए एकत्र की गई धनराशि अब तक नहीं मिली
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने इस परिवार को 25 लाख रुपये की राशि तो दी, लेकिन उसके बाद इस परिवार की सुध तक नहीं ली। इस दौरान सितम्बर 2019 में आगरा के शिक्षण संस्थानों के शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों ने शहीद के परिवार की आर्थिक सहायता के लिए 1000/प्रति शिक्षक स्वेछा से मदद की थी।
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