Varanasi : Pratibha kashyap
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि : कानूनी रूप से वैवाहिक पत्नी के साथ उसके पति द्वारा बनाया गया यौन सम्बंध या किया गया कोई भी यौन कृत्य बलात्कार नहीं है । भले ही वो बल पूर्वक पत्नी की इच्छा के विरुद्ध किया गया हो ।
दरअसल भारत हमेशा से ये मान्यता है कि में वैवाहिक बलात्कार हो ही नहीं सकता । हम पत्नी को पति की सम्पति के रूप में देखते हैं । जिसपर पति का पूरा अधिकार है । वो जब चाहे उसके साथ उसके इच्छा के विरुद्ध संबंध बना सकता है । उसके पास लाइसेंस है ।
हमारे भारतीय दंड संहिता की धारा 376 में भी वैवाहिक बलात्कार के लिए कोई कानून नहीं है । बशर्ते पत्नी की उम्र 15 से कम ना हो । 15 साल से कम उम्र की पत्नी के साथ जबरन यौन संबंध बनाना कानूनी अपराध है । लेेकिन अगर पत्नी की उम्र उसे अधिक है तो उसके साथ जबरजस्ती करना जायज है ।
निर्भया कांड के बाद भारत मे बलात्कर को लेकर लोगों की सोच बदली । इसपर बहुत से कानून आये । इसी समय बलात्कार सम्बंधित मामलों के लिए नए कानून बनाने के लिए जस्टिस जे एस वर्मा आयोग का गठन हुआ । इस अयोग वैवाहिक बलात्कार को कानूनी अपराध बनाने की सिफारिश की जिसे केंद्र सरकार ने ठुकरा दिया । जबकि दुनिया के 52 देशों ने वैवाहिक बलात्कार अपराध है ।
यहाँ तक की सुप्रीम कोर्ट ने भी वैवाहिक बलात्कार के एक मामले में सुनवाई से इनकार कर दिया । तर्क ये दिया जाता है कि वैवाहिक बलात्कार को सिद्धि कैसे करेंगे । क्योंकि वहाँ ना तो कोई सबूत होता है ना कोई गवाह । वहाँ तो सिर्फ दो ही लोग रहते हैं ।
भारत में नेशनल फैमिली हेल्थ सर्व के अनुसार बलात्कार के मामलों में 80 % वैवाहिक बलात्कार के केस है । इंटरनेशनल सेंटर फॉर रिसर्च फॉर वुमेन ICRW 2011 के अनुसार भारत मे हर 5 में से एक पुरूष अपनी पत्नी का बलात्कार करता है ।
यूएन के रिपोर्ट के मुताबिक हर दूसरी महिला इसकी शिकार है ।
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