Mirzapur _ Chaturvedi Shruti Vanshidhar
अब सरकार के पर्यटन विकास के प्रयास को जल पर्यटन आधार देगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट व विंध्य कॉरिडोर विंध्यवासिनी मंदिर को गंगा की डोर से बांध लेगी तो वही गंगा की धारा विंध्यधाम को काशी से एकाकार करेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी से इसकी शुरुआत हो चुकी है। जल्द ही पर्यटक जलमार्ग के क्रूज़ यात्रा कर विंध्य पर्वत को निहार सकेंगे। साथी आध्यात्मिकता को भी आत्मसात करेंगे। हालांकि अभी प्रथम चरण में 5 सितंबर से काशी से चुनार तक क्रूज़ संचालन होगा। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलना तय है। देश-विदेश के पर्यटक गंगा की लहरों से भारत की समृद्ध इतिहास से रूबरू होंगे।
काशी से चुनार और विंध्य धाम तक रो-पैक्स चलाए जाने की तैयारी है । प्रथम चरण में काशी से चुनार तो द्वितीय चरण में काशी से विंध्य धाम क्रूज का संचालन होगा। आध्यात्म, धर्म और इतिहास को समेटे विंध्य पर्वत का नजारा लोगों को खूब रोमांचित करेगा। अबे ने अत्याधुनिक जलयान में बैठकर देखा जा सकेगा। जल्द ही जलयान काशी से विंध्य धाम तक गंगा घाटों की छटा दिखाएगा। मां विंध्यवासिनी की वजह से भले ही देश-विदेश के पर्यटक विंध्य क्षेत्र से परिचित हैं, लेकिन जलमार्ग से जुड़े जाने पर विंध्य क्षेत्र के पर्वत, झीलो ,प्राचीन किलो के साथ अद्भुत प्राकृतिक नजारों की अपार संपदा से भी रूबरू हो सकेंगे। क्रूज में खाने-पीने व सुरक्षा व्यवस्था से लेकर वह सारी सुविधाएं होंगी, जो जरूरत होगी। माना जा रहा है कि इसके संचालन से चुनार क्षेत्र भी पर्यटक के राष्ट्रीय -अंतरराष्ट्रीय फलक पर निखर कर सामने आएगा।
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