रायबरेली-सतांव-रायबरेली जिले के गुरुबख्शगंज थाने में करीब दो महीने से चल रही खाकी की अराजक गतिविधियों पर शख्त हुये पुलिस अधीक्षक ने बुधवार को थानाध्यक्ष समेत आधा दर्जन उपनिरीक्षकों पर चलाया तबादला एक्सप्रेस। जिससे क्षेत्र में हो रही घटनाओं पर लगाम लगाया जा सके,क्षेत्र में कौतूहल का विषय बन गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार विगत कृष्ण जन्माष्टमी पर्व की रात एक सिपाही द्वारा दीवान पर किये गये हमले की घटना के बाद से सवालों के घेरे में चल रहे गुरुबख्शगंज के थानाध्यक्ष सुरेश सिंह से चार्ज छीन लिया गया,जबकि अपनी कार्यशैली से क्षेत्र में सबके चहेते बन रहे दरोगा राजेन्द्र सिंह को सलोन भेजा गया है।खास बात यह है कि गुरुबख्शगंज से हटाये तो गये छः दरोगा,जबकि इस वख्त जाने में तैनात केवल दो उपनिरीक्षक ही किये गये हैं।सुरेश कुमार सिंह को हटाये जाने का एक और बड़ा कारण यह भी रहा कि क्षेत्र में ताबड़तोड़ घट रही चोरी की घटनायें और किसी का खुलासा न होना एक बड़ा सवाल बन गया था। फिलहाल एक साथ आधा दर्जन उपनिरीक्षकों के स्थानान्तरण से थाने में हड़कम्प का माहौल है। थाने पर तैनात अन्य पुलिस कर्मियों ने दबी जुबान स्वीकार किया कि सभी लोग एक सिपाही के अपराधिक कृत्य का दण्ड भुगत रहे हैं। इसी का दुष्परिणाम आज सबके सामने आ गया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बुधवार को पुलिस अधीक्षक रायबरेली ने जिले भर के 38 उपनिरीक्षकों के कार्यक्षेत्र बदल दिये,जिनमें छः उपनिरीक्षक गुरुबख्शगंज थाने पर सेवारत थे। इन्ही में एक वरिष्ठ उप निरीक्षक सुरेश कुमार सिंह बतौर थानाध्यक्ष तैनात थे।जबकि थानाध्यक्ष सुरेश कुमार सिंह द्वारा किए जा रहे कार्यशैली से स्थानीय अवाम को कोई शिकायत नहीं थी,लेकिन अधीनस्थों को अनुशासन, समर्पण और सेवा का पाठ पढ़ा पाने में वे असफल रहे। शायद यही कारण था कि एक बेखौफ सिपाही ने थाना परिसर के अन्दर अपने ही थाने के सीनियर दीवान पर हमला कर दिया जिसकी वजह से उत्तर प्रदेश में खाकी की भद्द पिट गई। आज उसी का परिणाम है कि सुरेश सिंह से चार्ज छिन गया। जिससे आने वाले थानाध्यक्ष को पुनः बहुत ही संयम से अपने अधीनस्थों से प्यार भरा माहौल पैदा करना एक बहुत बड़ी चुनौती बन गई है।
पुलिस अधीक्षक ने गुरुबख्शगंज थाने से सुरेश सिंह के अलावा उप निरीक्षक राजेन्द्र सिंह,बाबूलाल वर्मा,महेश सिंह, इन्द्रजीत चन्देल व रघुनाथ प्रसाद रावत को भी स्थानान्तरित कर दिया है,लेकिन तैनाती केवल जय प्रकाश द्विवेदी व मोहम्मद नफीस खान की हुई है।थाने से स्थानान्तरित हुये सभी पुलिस कर्मी एक-एक कर निकल गये, लेकिन एक बड़ा सवाल अभी भी अनुत्तरित है कि थाने के अन्दर दीवान पर हमला करने वाले सिपाही के विरुद्ध अपराधिक कृत्य का मुकदमा आखिर क्यों नहीं पंजीकृत किया गया,यह जांच का विषय है जबकि स्थानीय नजरिए से देखा जाए तो उच्च अधिकारियों द्वारा जांच कराई जाए तो इस प्रकरण में कुछ और लोग भी हंसते नजर आएंगे परंतु अब देखना है कि पुलिस अधीक्षक महोदय रायबरेली द्वारा इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हैं यह आने वाला समय ही बताएगा।
रिपब्लिक भारत न्यूज़ 24
जिला संवाददाता धर्मेंद्र सोनी