बिलासपुर 17 सितम्बर 2021/जिले में पेयजल व्यवस्था उपलब्ध कराने हेतु रेट्रोफिटिंग नल जल प्रदाय योजना की 09 मार्च 2021 को कलेक्टर कार्यालय में आयोजित जिला जल एवं स्वच्छता मिशन अंतर्गत संचालित बैठक में जल जीवन मिशन के अंतर्गत पूर्व तकनीकी स्वीकृति प्राप्त योजनाओं की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान किए जाने हेतु जिला जल एवं स्वच्छता मिशन द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया है।
जिसके अनुसार विकासखण्ड तखतपुर के ग्राम खम्हरिया में 97.73 लाख रू.,विकासखण्ड बिल्हा के ग्राम बरतोरी में 109.50 लाख रू. एवं विकासखण्ड कोटा के ग्राम अमाली में 179.36 लाख रू और ग्राम बेलगहना में 125.78 लाख रू. की योजनाओं की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है।
योजना को निर्धारित समयावधि में पूर्ण किया जाना आवश्यक होगा तथा योजना के कार्यों के क्रियान्वयन के पूर्व कार्य विभाग को मैन्युअल 1983 भाग-एक-पैरा-2.006 के प्रावधानों के तहत विस्तृत प्राक्कलन तैयार कर सक्षम अधिकारी द्ववारा तकनीकी स्वीकृति जारी किया जाना सुनिश्चित करें। खण्ड कार्यालय को च्थ्डै के माध्यम से दी गई सीमा के अनुरूप कार्य का भुगतान कराया जायें। प्रशासकीय नियंत्रणकर्ता अधिकारी कड़े वित्तीय अनुशासन तथा वित्त निर्दशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करते हुए योजना से ग्राम को शत् प्रतिशत प्रदाय थ्भ्ज्ब् कराया जाना सुनिश्चित करें।
योजना की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति का अनुश्रवण कार्य विभाग नियमावली 1983 यथा संशोधित तथा शासन एवं जिला जल एवं स्वच्छता मिशन के निर्देशानुसार सुनिश्चित करें। योजना का बार चार्ट बनाकर समय सीमा में क्रियान्वयन किया जाना सुनिश्चित किया जाए। इसकी एक प्रति इस कार्यालय प्रशासकीय स्वीकृति जारी होने के एक पखवाड़े के अंदर आवश्यक रूप से उपलब्ध कराया जाना संबंधित कार्यपालन अभियंता सुनिश्चित करेंगे। योजना पूर्ण कर परीक्षण एवं परिचालन करते हुए संबंधित ग्राम पंचायत को हस्तांतरण कर प्डप्ै में तथा राज्य डप्ै में प्रविष्टि यथानुसार संबंधित कार्यपालन अभियंता सुनिश्चित करें।
योजना के अनुबंधित एवं वित्तीय पहलुओं पर संबंधित खण्ड कार्यालय में महालेखाकार कार्यालय द्वारा पदस्थ अथवा प्रभार में कार्यरत् संभागीय लेखापाल आवश्यक रूप से शासन के समस्त निर्देशांे, मार्गदर्शिकानुसार अनुश्रवण तथा अभिलेखों का संधारण सुनिश्चित करेंगे। सी.सी, यू.सी. तैयार करते समय तथा रोकड़ पुस्तिका एवं सीएजी आॅडिट में व्यय के मिलान से संबंधित आंकड़ों में विसंगति उत्पन्न न हो। योजना में विश्वसनीय स्त्रोत उपलब्ध होने पर ही योजना के स्वीकृति कार्यों का क्रियान्वयन करायी जाए। योजना के क्रियान्वयन में पंचायत को तृतीय पार्टी के रूप में अनुबंध में सम्मिलित करें। योजना के अंतर्गत कार्यों को तृतीय पार्टी निरीक्षण अनिवार्य रूप से कराया जाए।