श्री पीतांबरा पीठ सुभाष चौक सरकंडा बिलासपुर छत्तीसगढ़ में 25 फरवरी 2021 गुरुवार गुरु पुष्य नक्षत्र में ब्रह्मशक्ति श्री बगलामुखी देवी का विशेष पूजन श्रृंगार किया गया एवं कल 26 फरवरी 2021माघ शुक्ल चतुर्दशी को माता श्री भगवती बगलामुखी देवी का विशेष आराधना किया जाएगा।श्री पीताम्बरा पीठ के आचार्य पंडित दिनेश चंद्र पांडेय जी महाराज ने बताया बगलामुखी देवी दस महाविद्याओं में से एक हैं। यह आठवीं महाविद्या और स्तम्भन की देवी मानी जाती हैं। बगलामुखी देवी अपने भक्तों के कष्टों को दूर कर उन्हें भयमुक्त करती हैं। इन्हें पीताम्बरा के नाम से भी जाना जाता हैं। इन्हें पीला रंग अधिक पसंद है। देवी रत्नजड़ित सिंहासन पर विराजमान होती हैं तथा उनके भक्तों को तीन लोकों में कोई पराजित नहीं कर सकता। बगला शब्द संस्कृत भाषा से आया है जिसका अर्थ है दुल्हन। बगलामुखी रूप में देवी अपने अलौलिक सौंदर्य का प्रतिनिधित्व करती हैं।
बगलामुखी की उपासना विशेष रूप से वाद-विवाद, शास्त्रार्थ ,मुकदमें में विजय प्राप्त करने के लिए,अकारण आपको कोई सता रहा हो तो उसे रोकने सबक सिखाने के लिए ,असाध्य रोगों से छुटकारा पाने, बंधन मुक्त ,संकट से उद्धार, उपद्रवो की शांति, ग्रहशांति , संतान प्राप्ति ,वाक् सिद्धिआदि के लिए विशेष फलदाई है।
प्रतिदिन देवाधिदेव महादेव का रुद्राभिषेक ,महाकाली महालक्ष्मी ,महासरस्वती राजराजेश्वरी त्रिपुरसुंदरी देवी का श्रीसूक्त षोडश मंत्र द्वारा दुधारियापूर्वक अभिषेक, नर्मदा सहस्रनाम पाठ, माँ बगलामुखी मंत्र जाप विशेष रूप से किया जा रहा ।