शोषित दलित वंचितों की आवाज थे डॉक्टर भीमराव अंबेडकर l बाबू सिंह कुशवाहा
हजारों मोटरसाइकिल के काफिले के साथ झांसी आए जन अधिकार पार्टी के संस्थापक माननीय बाबू सिंह कुशवाहा पूर्व कैबिनेट मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर को उनके द्वारा किए गए कार्यों और उनके द्वारा रचित संविधान के बारे में परिनिर्वाण दिवस पर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनको याद किया और उनके बताए रास्ते पर चलने के लिए सभी से संकल्प लेने को कहा और बताया कि उन्होंने अपनी जिंदगी शोषित दलित अल्पसंख्यक और महिलाओं के लिए बराबरी का दर्जा दिलाने के लिए कार्य किया और संविधान का निर्माण किया जिसमें उन्होंने उन्होंने बताया की एक संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न समाजवादी, पंथनिरपेक्ष ,लोकतंत्रात्मक, गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय ,विचार अभिव्यक्ति ,विश्वास ,धर्म और उपासना की स्वतंत्रता और अवसर की क्षमता प्राप्त कराने के लिए तथा उन सब में व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढ़ाने के लिए दृढ़ संकल्प होकर संविधान में तारीख 26 नवंबर 1949 ईस्वी को एतद् द्वारा इस संविधान को अंगीकृत , अधिनियमितऔर आत्मसमर्पित किया l यह संदेश उन्होंने एक विशाल रैली में कहे और सभी को बताया कि कुछ लोगो को उनकी बाते हज्म नही हो रही है और आज लोग संविधान को जलाने का काम कर रहे है यदि उन्होंने अधिकार नही दिलाए होते तो जनता गुलामी की जिंदगी जी रही होती इसलिए उनके आदर्शो पर चलकर ही हम सबका भला कर पायेंगे और सपथ लेते है की उनके बताए रास्ते पर चलेंगे और संविधान की रक्षा करेंगे l मौके पर हजारों कार्यकर्ताओं ने रैली में भाग लिया युवाओं में भारी उत्साहदेखा गया l रैली का काफिला देखते ही बनता था कचहरी चौराहे पर अंबेडकर जी की प्रीतिमा पर माल्यार्पण किया इसके काफिला इलाइत चौराहा ,चित्रा चराहे , बीकेडी चौराहे से होता हुआ खंडेराव गेट पर समापन किया सभी को संविधान के प्रस्तावना को पढ़कर सुनाया जिसमे हजारों लोगो ने सुना और उसपर चलने का संकल्प लिया l
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