श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में साल के पहले दिन भक्तों का रेला उमड़ा। सुबह से देर रात तक भक्तों की अटूट कतार लगी रही और शयन आरती तक बाबा के दरबार में पांच लाख से अधिक भक्तों ने शीश नवाया। नववर्ष के नवविहान की पहली किरण के साथ ही बाबा के दरबार में दर्शन-पूजन का सिलसिला आरंभ हुआ। मंगल बेला में मंगला आरती के पहले से ही बाबा के दर्शन के लिए मंदिर में कतार लगनी शुरू हो गई।
दूसरी ओर बाबा के धाम में डमरू की निनाद के साथ 1051 शंख के नाद से ही विश्व कीर्तिमान के लिए बनारस ने अपने कदम बढ़ा दिए। मंदिर के आसपास का संपूर्ण इलाका शंख और डमरू की निनाद से गुंजायमान होता रहा। शंखवादकों ने शंख बजाकर महादेव के दरबार में विश्व में सुख, समृद्धि, आरोग्य, महामारी से मुक्ति और शांति की कामना की।
शनिवार को बाबा के दरबार में एक दिन में सबसे अधिक दर्शन करने वालों का रिकॉर्ड टूट गया। सावन के बाद यह पहला मौका था जब पांच लाख से अधिक भक्तों ने बाबा दरबार में दर्शन पूजन किया। शयन आरती के समय मंदिर के कपाट बंद होने तक श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला जारी रहा। मंगला आरती में ही एक हजार से अधिक श्रद्धालु शामिल हुए। विश्वनाथ मंदिर मुख्य परिसर के अंदर से ज्ञानवापी, बांस फाटक से लेकर गोदौलिया, लक्सा व मैदागिन तक सिर्फ लोगों की कतार ही नजर आ रही थी। 10 बजे तो हालत नियंत्रण से बाहर हो गए।
मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल को जब भारी भीड़ और अव्यवस्था के बारे में जानकारी मिली तो उन्होंने खुद ही मोर्चा संभाला। शाम छह बजे तक मंडलायुक्त मंदिर परिसर में ही व्यवस्था संभालने में लगे रहे। मंडलायुक्त के आने के बाद सुरक्षाकर्मी से लेकर प्रशासनिक अधिकारी व कर्मचारी भी मुस्तैद नजर आने लगे। मंदिर प्रशासन के अनुसार सुबह 10:30 बजे तक सवा लाख से अधिक लोगों ने दर्शन किया था। मंदिर में दर्शन करने वालों की कतार लगातार बढ़ती गई। मंदिर से गोदौलिया तक आने में लोगों को ठंड में भी पसीने छूट गए। एक तरफ मंदिर में जाने के लिए कतार लगी थी तो दूसरी तरफ निकलने वालों की कतार।
1051 शंखवादकों ने विश्व रिकॉर्ड के लिए 35 मिनट तक बजाया शंख
शनिवार को काशी विश्वनाथ धाम यात्रा के अंतर्गत संस्कृति विभाग की ओर से हुए आयोजन में पर्यटन मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी ने जैसे ही हर-हर महादेव के जयघोष के साथ शंखनाद किया तो धाम का चौक क्षेत्र सहस्त्र शंख और डमरू की निनाद से गूंजने लगा। 35 मिनट तक शंख वादकों ने निरंतर शंखवादन कर पूरे धाम क्षेत्र को अध्यात्म और सकारात्मक ऊर्जा की तरंगों से तरंगित कर दिया। कार्यक्रम में भाग लेने के लिए सुबह आठ बजे से ही पंजीकृत सदस्यों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था।
विभिन्न स्कूल, महाविद्यालय, संगीत विद्यालय, सामाजिक संगठनों और नागरिकों को छोटे-छोटे समूहों में विश्वनाथ चौक में खड़ा किया गया था। उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि पश्चिम बंगाल, ओडिसा, मणिपुर और असम के लोगों ने भी पारंपरिक परिधान धारण कर शंखनाद किया। उद्घाटन प्रदेश के पर्यटन मंत्री नीलकंठ तिवारी, एनसीजेडसीसी के निदेशक प्रो. सुरेश शर्मा, डॉ. गौरी बासु और विद्यासागर राय ने किया।
वाराणसी से ओम प्रकाश मिश्र कि रिपोर्ट।
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